बनखेड़ी, नर्मदापुरम म प्र।
बनखेड़ी,ग्राम मालनवाड़ा चल रही नर्मदापुराण कथा के तृतीय दिवस मे व्यास पंडित तरुण तिवारी ने नर्मदाघाट तीर्थ स्थान जबलेश्वर तीर्थ,माई की बगिया, कबीर चौतरा, कुकर मठ तीर्थ डिंडोरी, ऋण मुक्ति तीर्थ व माण्डव ऋषि की कथा की महिमा का वर्णन करते हुए भक्तों को नर्मदा कथा का रसपान कराया ।
पंडित व्यास ने कथा मे कहा कि जिस घर में नित्य सूर्य को प्रणाम,शिव को जल अर्पण और संतचरण का आगमन व अतिथि सम्मान होता है उस घर में कभी दुख नहीं आते। और कोई भी समस्या का निराकरण शिव की कृपा के बिना संभव नहीं है।
सूर्य और शिव की पूजा सभी देवताओं में सबसे सरल होती है।
नर्मदा व शंकर के परम भक्त निषाद की कथा का रसपान कराते हुए कथावाचक पंडित तरुण तिवारी ने बताया की नर्मदा भक्त निषाद नीति नर्मदा में स्नान कर मुंह में जल भरकर शंकर जी को चढ़ाया करते थे जिसे एक दिन नंदी और माता पार्वती ने देखा तो वह पार्वती माता बहुत ही क्रोधित हुई और शंकर भगवान से उसे दंडित करने के लिए कहा। शंकर जी ने कहा हम उसे कल दंड देने चलेंगे आज नहीं और दूसरे दिन पार्वती नदी के साथ शंकर जी पहुंचे वहां पर उन्होंने देखा की भक्त निषाद शिवलिंग में एक नेत्र निकल जाने पर इतना दुखी हुआ कि उसने स्वयं का नेत्र अपने हाथ से निकलकर शिवलिंग पर लगा दिया निषाद की इतनी भक्ति को देखकर भगवान शंकर ने प्रसन्न होकर उसे वरदान देने के लिए कहा।
नर्मदा पुराण कथा ग्राम मालनवाड़ा में यजमान तरवर सिंह मुकदम द्वारा करवाई जा रही है।
रिपोर्ट –रवि देजवार।
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