छत्तीसगढ़
जगदलपुर
प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा किसानों को दो साल के धान खरीदी की बोनस राशि प्रदान करने के फलस्वरूप राज्य के किसानों के परिवारों में प्रसन्नता व्याप्त है और किसान इस बोनस राशि का उपयोग नये घर बनाने,परिवार के सदस्यों के लिए कपड़े एवं अन्य जरूरी सामान खरीदने के साथ ही बच्चों की पढ़ाई में कर रहे हैं। बोनस राशि पाकर किसान प्रफुल्लित होकर छत्तीसगढ़ सरकार के निर्णय के प्रति कृतज्ञता प्रकट कर रहे हैं। बस्तर जिले के जगदलपुर तहसील अंतर्गत बिलौरी निवासी किसान दशाराम चालकी को सुशासन दिवस पर जब 69 हजार रुपए बोनस राशि मिली तो वे प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि अब उनका नया घर बनाने का सपना पूरा हो जाएगा। वहीं सरगीपाल निवासी किसान कमलोचन ने 14 हजार रुपए बोनस राशि मिलने पर इसे घर के उपयोग हेतु खर्च करने की बात कही और राज्य सरकार को धन्यवाद दिया।
बिलौरी निवासी 08 एकड़ कृषि भूमि के स्वामी दशाराम चालकी ने दो वर्ष के धान विक्रय की बोनस राशि मिलने की खुशी प्रकट करते हुए बताया कि अभी हाल ही में 98 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर बेचा हूं, जिसकी राशि से घर बनाना शुरू किया है। अब बोनस राशि का उपयोग इस घर को बनाने के लिए करूंगा। वहीं घर में रखे हुए करीब 40 क्विंटल धान को विक्रय कर अतिरिक्त पैसे की व्यवस्था करूंगा। उन्होंने बताया कि वे अपने बेटे मनीष के सहयोग से उन्नत खेती किसानी कर 4 सदस्यीय परिवार का बेहतर ढंग से भरण-पोषण कर रहे हैं। अगले वर्ष कृषि भूमि में नलकूप खनन कर साग-सब्जी उत्पादन सहित रबी फसल लेने की सोच रहे हैं। इसी तरह सरगीपाल के किसान कमलोचन ने बताया कि इस साल स्थानीय सपरी एवं चूड़ी देशी धान की पैदावार लिये थे और 90 क्विंटल धान समर्थन मूल्य पर विक्रय किया है। कमलोचन कहते हैं कि सरकार ने दो वर्ष का लम्बित बोनस राशि देकर किसानों पर उपकार किया है, जिससे किसानों के परिवार में खुशहाली है। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार की किसान हितैषी निर्णय के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के प्रति कृतज्ञता प्रकट की।
ग़ौरतलब है कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा प्रदेश के करीब 12 लाख किसानों को वर्ष 2014-15 और 2015-16 के धान खरीदी का 300 रुपए प्रति क्विंटल की दर से बोनस राशि सुशासन दिवस के अवसर पर जारी किया गया। बस्तर जिले में भी 23966 किसानों को 38 करोड़ 40 लाख रुपए बोनस राशि उनके बैंक खाते में अंतरित किया गया।
( बस्तर- जगदलपुर ब्यूरो)
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