राष्ट्रीय ब्यूरो राष्ट्रीय ब्यूरो
भुवनेश्वर
बालासोर रेल हादसे की न्यूज़ भले ही कम होती जा रही हों पर लोगों की तकलीफ़ें कम नहीं हो रहीं। जिनके परिजन दुर्घटना में घायल, लापता या मृत हो गए उन्हें स्थल तक पहुँचने में अब नई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भुवनेश्वर जाने वाली फ़्लाइट की टिकटों के दाम अचानक आसमान छूने लगे हैं। जो टिकटें मात्र 5-6 हज़ार में मिल जाती थीं अब उनके दाम बहुत बढ़ गए हैं।
बालासोर के स्थानीय लोगों ने दुर्घटना के बाद घायलों की मदद के लिये जी जान से मेहनत करके और ब्लड डोनेट करने की मानवीयता का परिचय दिया हो पर एयरलाइंस और रोड ट्रांसपोर्ट ने इसे मुनाफ़ा कमाने का ज़रिया बना लिया है, जिसकी जितनी भी निंदा की जाए वो कम है।
ऐसा नहीं है कि सरकार इस पर अंकुश नहीं लगा सकती। सरकार चाहती तो संवेदनशीलता का परिचय देते हुए तत्काल एयरलाइंस को इस संबंध में कड़े निर्देश देकर टिकटों की क़ीमतें नियंत्रित करवा सकती थी, पर संवेदना की बातें करना आसान है वास्तविक रूप में कुछ करने की ना तो इच्छा शक्ति दिख रही है और न ही कोई प्रयास ।
सरकार से इस समय त्रासदी झेल रहे परिवारों की मदद के लिये स्थल तक पहुँचने व ठहरने की व्यवस्था प्राथमिकता पर वाजिब मूल्य पर उपलब्ध कराने के लिये तत्काल कार्यवाही की अपेक्षा है।
( राजीव खरे स्टेट ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़ एवं राष्ट्रीय उप संपादक)
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