इंदौर मध्य प्रदेश
इंदौर हाल ही में दिल्ली में G20 में पधारे मेहमानों को बाँटी गयी बुकलेट के पेज न. 3 व 15 पर जैन धर्म को ईसा पूर्व 650 वर्ष लिखकर जैन धर्म की प्राचीनता मिटाने का प्रयास किया गया है दिगंबर जैन सोशल ग्रुप फेडरेशन के मिडिया प्रभारी विश्व जैन संगठन के प्रचारक राजेश जैन दद्दू ने केन्द्र सरकार से निवेदन किया है कि सरकार गलत जानकारी देकर जैन धर्म के अस्तित्व को मिटाने का दुस्साहस किया गया है यह कार्य स्वीकार नहीं। इस ग़लत जानकारी के लिए दोषी अधिकारियों पर कार्यवाही,और जैन समाज से माफी मांग कर सही जानकारी की बुकलेट पुन: प्रकाशित हो….विश्व जैन संगठन
बुकलेट के पेज न.3 पर जैन धर्म का आरम्भ 650 ईसा पूर्व प्रकाशित किया है, जो बिल्कुल असत्य है।
बुकलेट बनाने वाले अज्ञानियों को पता नहीं कि वेदों में भी भगवान ऋषभदेव को शाश्वत जैन धर्म का प्रथम तीर्थंकर और अरिष्टनेमी के नाम से भगवान नेमीनाथ का उल्लेख है।
20वे जैन तीर्थंकर मुनिसुव्रतनाथ भगवान के समकालीन श्री राम और 22वे तीर्थंकर नेमिनाथ के समकालीन उनके चचेरे भाई श्री कृष्ण थे तो जैन धर्म ईसा पूर्व 650 वर्ष कैसे आरम्भ हुआ❓
पूछता है जैन समाज
रिपोर्ट अनिल भंडारी
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