राष्ट्रीय समाचार
रायपुर
लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे आ चुके हैं। इस बार कई जेल में बंद उम्मीदवारों ने चुनाव जीता है, जिनमें खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह और कश्मीरी नेता अब्दुल राशिद शामिल हैं। ये चुनाव परिणाम कानूनी और संवैधानिक प्रावधानों के तहत कई प्रश्न उठाते हैं।
दोनों नेता आतंकवाद के आरोप में जेल में बंद हैं और उन्हें नई लोकसभा की कार्यवाही में भाग लेने की अनुमति नहीं है। फिर भी, संसद सदस्य के रूप में शपथ लेना उनका संवैधानिक अधिकार है। संविधान विशेषज्ञ पी.डी.टी. आचारी बताते हैं कि जेल में रहते हुए शपथ ग्रहण के लिए उन्हें अधिकारियों से अनुमति लेनी होगी और शपथ के बाद फिर से जेल जाना होगा।
अनुच्छेद 101(4) के अनुसार, शपथ लेने के बाद वे लोकसभा अध्यक्ष को सूचित करेंगे, जो उनके अनुरोध को सदन की अनुपस्थिति संबंधी समिति के पास भेजेंगे। समिति यह निर्णय करेगी कि क्या उन्हें सदन की कार्यवाही से अनुपस्थित रहने की अनुमति दी जानी चाहिए। दोषी साबित होने पर और कम से कम दो साल की सजा होने पर, वे अपनी सीट तुरंत गंवा देंगे, जैसा कि 2013 के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले में निर्धारित है।
( राजीव खरे , राष्ट्रीय उप संपादक)
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