नई दिल्ली
जेल में बंदियों के लिए अच्छी खबर है। आप पार्टी की दिल्ली सरकार जेल में बंद कैदियों को उनकी पत्नी से मुलाकात कराने की योजना बना रही है। यानी भविष्य में दिल्ली की जेलों में कैदियों के लिए वैवाहिक मुलाक़ातों की अनुमति मिलने की पूरी संभावना बन सकती है।
इसमें सलाखों के पीछे पति को पत्नी संग ‘रोमांस’ याने वैवाहिक मुलाकात करने की अनुमति भी मिल सकती है ।
दरअसल दिल्ली हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर हुई थी जिसमें में कोर्ट से अनुरोध किया गया है कि जेल अधिकारियों और प्रहरियों की नजरों से दूर पति-पत्नी का मिलन एक ‘मौलिक अधिकार’ है । इसके उत्तर में दिल्ली सरकार ने अदालत को सूचित किया है कि जेल महानिदेशक ने गृह मंत्रालय को एक प्रस्ताव भेजा है। दिल्ली सरकार ने यह भी बताया है कि कई देशों में ऐसे मुलाकात की अनुमति है। यहाँ तक कि पंजाब की 17 जेलों में इस तरह का पायलट प्रोजेक्ट आरंभ किया गया है । पंजाब के विशेष महानिदेशक हरप्रीत सिद्धू ने कहा, जो पति या पत्नी जेल में बंद नहीं हैं उनको सजा देने का कोई मतलब नहीं है। हम यही चाहते हैं कि समाज में इन कैदियों की वापसी सुनिश्चित हो। यही कारण है कि हमे पंजाब की जेलों में एकांत में मिलने देने का फैसला लिया है।” उन्होंने कहा कि यह देश में अपनी तरह का पहला पायलट प्रोजेक्ट है और अभी यह सुविधा राज्य की 25 में से 17 जेलों में उपलब्ध है।
इसी को दृष्टिगत रख दिल्ली राज्य ने गृह विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है, जिसमें कैदियों के जीवन साथी से मिलन के अधिकारों के बारे में कहा गया है। कई देशों द्वारा इस तरह के मिलन की अनुमति को ध्यान में रखते हुए जेल महानिदेशक ने कैदियों के जीवनसाथी से ‘मिलन’ के अधिकारों के बारे में राज्य के गृह विभाग को एक प्रस्ताव भेजा है। दिल्ली सरकार ने यह भी कहा है कि आवश्यक दिशानिर्देश जारी करने के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय को भी प्रस्ताव भेजा गया है।
( राष्ट्रीय ब्यूरो)
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