मध्य प्रदेश जेल विभाग के जिला जेल उमरिया में पदस्थ प्रहरी (वारंट प्रभारी) शारिब पूर्वांचली द्वारा गीता जयंती के उपलक्ष्य में जेल में आयोजित गीता जयंती में भाग लिया एवम गीता जयंती पर लिखी काव्य प्रस्तुति दी जिसे अधिकारीगण, गायत्री परिवार उमरिया एवम बंदियों द्वारा काफी सराहा गया।
भाईजान की लिखी मार्मिक काव्य पंक्तियां इस प्रकार हैं –
श्री कृष्ण को धरती मा हो ढम ढम ढोल बजाना है
श्रीमद भगवत गीता का हो
पढ़ना और पढ़ाना है
गीता जयंती के अवसर पर
हमको ये प्रण खाना है
श्रीमद भगवत गीता का हो
पढ़ना और पढ़ाना है
गीता के हर उपदेशों में
श्री कृष्ण की वाणी है
गीता के उपदेशों को पढ़कर
होता सुखमय प्राणी है
इसी प्रथा को सारे जग में
अब हमको ले जाना है
श्रीमद भगवत गीता का हो
पढ़ना और पढ़ाना है
गीता का हर पावन पन्ना
ज्ञान हमें ये देता है
काम क्रोध और लोभ न करना
कृष्ण का ये संदेसा है
फल की चिंता छोड़ के बन्धु
कर्म पे ध्यान लगाना है
श्रीमद भगवत गीता का हो
पढ़ना और पढ़ाना है
समाज हित के कार्यों में अतुलनीय योगदान
पैगाम फाउंडेशन के अध्यक्ष श्री योगेश खंडेलवाल ने बताया कि शारिब भाईजान हमारे पैग़ाम टीम की स्थापना में अपनी अतुलनीय भूमिका दी थी।साथ ही वो निःशुल्क कोचिंग, समाजिक एकता, बंधुत्व तथा अन्य समाजसेवा के कार्यों में निरंतर लगे रहते हैं।
ग्रामीण भारत में है अभिरुचि
लोगों की मानें तो शारिब पूर्वांचली भले ही दैनिक समाचारों से गायब हो गए हों पर निजी जीवन में वो ऐसे कार्य कर रहे हैं जिसकी तुलना नही की जा सकती। उन्होंने अपने सिहोरवा गांव जो उत्तर प्रदेश में है वहां आर. सी . सी. कुर्सियां अपने निजी खर्च पर रखवाई।स्ट्रीट लाइट लगवाई तथा गांव में पशुओं की चोरी के रोक थाम के लिए अनेक प्रयास किए और कर रहे हैं।
शारिब भाईजान से पूछने पर बताया कि लोगों के हृदय में मिला हुआ सम्मान ही मेरा पदक है ।चाहे कोई जाने या ना जाने इस बात से कही बढ़कर ये बात है कि जिसके लिए मैंने किया वो तो जान ही रहा है
उमरिया से योगेश खंडेलवाल की रिपोर्ट
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