रायपुर
जापान में आजकल स्टूडेंट मुस्कुराना सीख रहे हैं। ग़ौरतलब है कि कोरोना काल में मास्क लगाते लगाते और सोशल डिस्टेंसिंग के कारण उनकी मुस्कुराहट ही ग़ायब हो गई थी । अब मास्क की अनिवार्यता समाप्त हो जाने के बाद अपनी मुस्कुराहट को आकर्षक बनाने के लिये वे स्माइलिंग क्लास का सहारा ले रहे हैं।
जापान में स्माइलिंग क्लास एक नया व्यवसाय आरंभ हुआ है जो बहुत तेज़ी से बढ़ रहा है। इन क्लास में चेहरे की बनावट के अनुसार मुँह, गाल और आँखों को किस क्रम में कितना उपयोग करना है सिखाया जाता है ।क्योंकि मुस्कुराना हमारे जीवन में का एक महत्वपूर्ण और सुंदर गुण है। मुस्कुराने से रिश्तों को मजबूती मिलती है, तनाव कम होता है।यह हमारी खुशियों की उड़ान को बढ़ाती है और , दुखों को भुलाने में भी मदद करती है। मुस्कान हमें खुश और उत्साहित बनाती है और हमारे आसपास के लोगों को प्रभावित करती है। यही हमारे परिचय का पहला क़दम होता है जो हमारे स्पर्श, देखने और सुनने को भी अद्वितीय बनाता है।मुस्कुराने की शक्ति सिर्फ़ एक ही लाइन में समझा जा सकता है कि “क्या मुस्तक़िल इलाज किया दिल के दर्द का, वो मुस्कुरा दिए मुझे बीमार देख कर ! “
( राजीव खरे स्टेट ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़ एवं राष्ट्रीय उप संपादक)
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