Policewala
Home Policewala जहां फसल नहीं होती थी, वहां अब सभी तरह की फसल हो रही हैं।
Policewala

जहां फसल नहीं होती थी, वहां अब सभी तरह की फसल हो रही हैं।

नई दिल्ली

जलपुरुष राजेंद्र सिंह जी के नेतृत्व में डॉ इंदिरा खुराना और डॉ अशोक खुराना जी के साथ 6 फरवरी 2024 को यात्रा पुनर्जीवित हुई सैरनी नदी के गांव अर्रोदा, राजस्थान दिल्ली से पहुंची। यहां पर नदी पुनर्जीवन कार्यो को देखा और यहां के लोगों से नदी पुनर्जीवन के बारे में बातचीत की।
ग्रामीणों से बातचीत के दौरान यहां के सीयाराम ने बताया कि, पिताजी की मृत्यु छोटी ही उम्र में गई थी। पानी नहीं होने के कारण किसानी नहीं हो पाती थी। इसलिए परिवार का पेट पालने के लिए अपराध तक कर देते थे। ये सारी वारदातें और हिंसक रास्ता, लाचारी, बेकारी, बेरोजगारी, भूखमरी पानी की कमी की वजह से ही थी। फिर तरूण भारत संघ के सहयोग से मैंने पोखर बनवाया, आज इस पोखर से दो सौ मन सरसों एवं सौ मन गैंहू तथा 50 हजार रुपए का दूध बेच लेता हूं। कैलादेवी शहर में मकान बना लिया है। एक ट्रेक्टर खरीद लिया है, जो तरुण भारत संघ के कामों में चलता है। तीन बच्चे तथा दो बच्चीं है। तीनों बच्चों की शादी कर ली है। दोनों बच्चियों की शादी कर दी। पहले जो भयभीत जीवन था,आज पानी से जीवन में शांति आयी है। समाज में मान सम्मान मिला है।
इसके बाद यात्रा मासलपुर होते हुए तेवर नदी और धौलपुर में खर्रावाई नदी के भ्रमण पर पहुँची। यहां देखा कि, तरुण भारत संघ ने जो बांध बनाए थे, वे लबालब भरे हुए हैं। नीचे हरा-भरा जंगल खड़ा है। इस क्षेत्र पहले जहां फसल नहीं होती थी, वहां अब सभी तरह की फसल हो रही हैं। यहां वर्ष भर झरने बह रहे हैं। यहाँ के लोग बताते हैं कि, हम पहले पानीदार थे, लेकिन जंगल कटने की वजह से बेपानी हो गए थे, अब पानी के काम होने के बाद पुनः पानीदार हो गए है। इससे इस नदी के समाज को भी गंगा के समाज जैसा गौरव प्राप्त होगा।

( विशेष ब्यूरो )

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी थी

चंदेरी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद इकाई चंदेरी द्वारा रानी लक्ष्मीबाई जयंती के...

इंदौर के धोबी घाट पर धोबी समाज के लोगों की हुई बैठक हिंदूवादी भी हुए शामिल

इंदौर मध्य प्रदेश इंदौर के महापौर द्वारा धोबी घाट पर क़र्बला कमेटी...