नई दिल्ली
कांग्रेस ने बुधवार को कहा कि आर्थिक शक्ति के बढ़ते संकेन्द्रण (concentration of economic power) का लोगों के जीवन पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है क्योंकि विभिन्न क्षेत्रों में एकाधिकार (monopolies in various sectors) कीमतों को बढ़ा रहे हैं।कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने दावा किया कि मोदी सरकार द्वारा बनाई गई बढ़ती बाजार सांद्रता (market concentration) के कारण सभी क्षेत्रों में लाभ मार्जिन 2015 में 18 प्रतिशत से दोगुना होकर 2021 में 36 प्रतिशत हो गया है।
मोनोपॉलिस्टिक मित्र मूल्य वृद्धि का कारण
कांग्रेस नेता ने कहा कि RBI के पूर्व डिप्टी गवर्नर आचार्य के साक्ष्य से पता चलता है कि मोदी सरकार के कथित “एकाधिकारवादी” (monopolistic) मित्र भारत में मूल्य वृद्धि का एक बड़ा कारण हैं।उन्होंने एक बयान में आरोप लगाया और कहा, जैसा कि अडानी के ‘मेगास्कैम’ ने दिखाया है कि पीएम मोदी की ‘सूट-बूट की सरकार’ ने उनके पदभार ग्रहण करने के बाद से उनके साथियों को विभिन्न क्षेत्रों में बड़े, केंद्रित एकाधिकार बनाने में मदद की है। अब हमारे पास ताजा और विश्वसनीय सबूत हैं कि ये एकाधिकार देश में अपने प्रतिस्पर्धियों की तुलना में व्यवस्थित रूप से 10-30 प्रतिशत अधिक कीमत वसूलने के लिए अपनी बाजार शक्ति का दुरुपयोग करके कीमतों में वृद्धि कर रहे हैं।
मोदी सरकार पहुंचा रही अपने दोस्तों को फायदा
उन्होंने आरोप लगाया कि यह ताजा सबूत कांग्रेस पार्टी के इस रुख का समर्थन करता है कि मोदी सरकार अपने दोस्तों को फायदा पहुंचाकर उपभोक्ताओं, छोटे व्यवसायों और यहां तक कि उन बड़े व्यवसायों को भी नुकसान पहुंचा रही है जो इन एकाधिकार (monopolies) का मुकाबला करने की कोशिश कर रहे हैं। इन एहसानों के बदले में पीएम मोदी और बीजेपी को इलेक्टोरल बॉन्ड से फंडिंग का इनाम मिलता है।
रमेश ने यह भी ट्वीट किया कि भारत जोड़ो यात्रा के माध्यम से, राहुल गांधी भारत में आर्थिक शक्ति की बढ़ती एकाग्रता और हमारे दैनिक जीवन पर इसके प्रभावों पर ध्यान आकर्षित करते रहे। अब, शीर्ष अर्थशास्त्री डॉ. विरल आचार्य का एक ठोस शोध पत्र है, जो इस चिंता की पुष्टि करता है।
उन्होंने कहा कि पीएम मोदी की ‘एकाधिकार को सक्षम करना’ (enabling of monopolies) उनकी ‘विनाशकारी’ आर्थिक नीतियों का हिस्सा है।
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