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जब नारी मे है शक्ति सारी, तो फिर क्यों कहे इन्हे बेचारी।



ब्यूरो चीफ पन्ना मध्यप्रदेश

होली के पावन पर्व के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष में प्रदेश और देश में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। जोकि इस ओर इशारा करता है कि देश में महिला को सशक्त करने के लिए विभिन्न प्रकार के प्रयास लगातार किए जा रहे हैं और देश उसी ओर सकारात्मक आगे बढ़ रहा है। मगर फिर भी समाज का कोई एक तबका कोई एक हिस्सा कोई एक कोना ऐसा भी है जहां पर आज भी पुराने विचारों की धारा बहती है। इससे कहीं ना कहीं महिलाओं को अपने अधिकार और हक की लड़ाई के लिए विभिन्न प्रयास करने पड़ते है।

बात हमारे जिले पन्ना की करे तो महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करते हुए कई ऐसी महिलाएं जो आज अपने अपने क्षेत्र में कई ऐसे कार्यों से जिले में अपना एक नाम बना चुकी हैं और लगातार महिला सशक्तिकरण के लिए दूसरों को प्रेरणा देने का काम कर रही है।

पुलिसवाला ने ऐसी ही कुछ महिलाओं से अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस एवं वर्तमान में महिलाओं की स्थिति के बारे में चर्चा की।।

(1) मेरे देश की हर एक नारी को महिला दिवस की शुभकामना के साथ साथ महिला शक्ति जिंदाबाद। आज महिला हर क्षेत्र मे चाहे वह सामाजिक हो, आर्थिक हो या फिर राजनीतिक हो सभी मे आगे है। इन्ही शसक्त महिलाओ से ही हमारे जिले, प्रदेश और देश का विकास सम्भव है। इसलिए “नारी है तो कल” है।
श्रीमती शारदा पाठक (कांग्रेस अध्यक्ष )

(2) मेरे देश की समस्त महिलाओ को मेरा शत शत नमन है। मै नारी शक्ति के लिए सिर्फ इतना ही कहना चाहती हु कि ऐसा दुनिया का कोई भी कार्य नही जो नारी ना कर सकती हो। ऐसा कोई रास्ता नही जिसमे नारी शक्ति आगे ना बढ़ी हो। आज देश के हर छोटे से छोटे विकास मे नारी शक्ति का बराबर का योगदान है, मै तो इतना तक कहूगी कि सबसे ज्यादा ही योगदान है। क्योकि नारी के उपर अनेक जिम्मेदारी भी है जिसका निर्वहन करना आसान नही है। इसलिए आज के समय मे “महिला अबला नही है सबला” है।
श्रीमती आस्था दीपक तिवारी (कांग्रेस नेत्री)

(3) सबसे पहले सभी देश की नारी शक्ति को महिला दिवस की बधाई हो। जैसे जैसे समय बदल रहा है समाज को भी अपनी सोच बदलनी चाहिए ताकि समाज मे महिलाओ की स्तिथि बदल सके।
“क्योकि आप महिला हो” इसलिए लोग अपनी सोच आप पर थोपेगे। आप किससे मिल सकते है, क्या पहन सकते है, क्या व्यवहार कर सकते है। मेरा यही कहना है कि समाज के फैसले की छाया ना रहे। अपने खुद के ज्ञान के प्रकाश मे अपनी पसन्द, नापसंद तय करे।
श्रीमती आलिया खान (एडवोकेट)


(4) मै होली के साथ साथ महिला दिवस की सभी को बधाई देती हु। और मै हर महिलाओं के लिए बस यही पंक्तिया कहना चाहूगी कि “जब है नारी मे शक्ति सारी, तो क्यो नारी को कहे बेचारी”। कभी बेटी कभी बहु तो कभी माँ बनकर सबके ही सुख दुख को सहकर अपने सभी फर्ज निभाती है, तभी तो नारी कहलाती है। जिसने बस त्याग ही त्याग किये, जो बस दूसरो के लिए जिये फिर क्यो उसको धिक्कार दो। “उसे जीने का अधिकार दो, उसे जीने का अधिकार दो”।
सुश्री आराधना सिंह (समाजसेविका)

रिपोर्ट
आसिफ खान

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