शहडोल -मध्य प्रदेश
– आदिवासी अधिकारी के खिलाफ साजिश की तैयारी
– पत्रकारों के हित संरक्षण और शासकीय कल्याण योजनाओं के प्रचार में अव्वल जनसंपर्क कार्यालय शहडोल।
यथा नाम तथा गुण वाली लोकोक्ति तो सभी में सुनी है, बहुत लोगों ने देखा भी है लेकिन एक व्यक्ति ऐसा है जिसने इसे चरितार्थ कर दिखाया है और वह नाम है गुलाब मर्सकोले। सहायक संचालक जनसंपर्क के पद पर शहडोल संभागीय कार्यालय में पदस्थ अधिकारी गुलाब मर्सकोले ने अपनी पदस्थापना के बाद से अब तक शासकीय कल्याणकारी योजनाओं शासन प्रशासन द्वारा लिए जाने वाले निर्णय और नियम निर्देशों के प्रचार प्रसार के दायित्व को जिस बखूबी के साथ निभाया वह तो काबिले तारीफ है ही, जिले के पत्रकारों को आपदा के समय सहायता दिलाने और उनकी समस्याओं का यथा समय, यथोचित समाधान की दिशा में भी उनकी भूमिका उल्लेखनीय रही है।
शहडोल। मध्य प्रदेश शासन जनसंपर्क विभाग द्वारा शहडोल कार्यालय में तैनात सहायक संचालक जनसंपर्क गुलाब मर्सकोले का नाम उन जिम्मेदार कर्मठ अधिकारियों में शामिल किया जाता है जिन्होंने अपने पदीय दायित्व के निर्वहन के साथ ही समाज सेवा एवं रचनात्मक कार्य में अहम भूमिका निभाई है। शहडोल जिले के ऐसे कई पत्रकार साथी हैं जिन पर गंभीर बीमारियों जैसी आपदा आई और उनसे निपटने में आर्थिक सहयोग दिलाने में जनसंपर्क विभाग के इस अधिकारी ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए मौत के मुंह से बाहर निकलने में अनुकरणीय भूमिका निभाई है। न सिर्फ पत्रकार बल्कि उनके आश्रित परिजनों के उपचार में भी मध्य प्रदेश शासन और जनसंपर्क विभाग से आर्थिक सहायता दिला कर मर्सकोले ने जीवन रक्षा जैसे पुण्य कार्य के माध्यम से लोगों का विश्वास जीता है।
यूं तो राज्य शासन के सभी अधिकारी कर्मचारी अपनी ड्यूटी निभाते हैं कोई बहुत अच्छा कार्य करता है कोई कुछ काम और कोई बिल्कुल भी नहीं सब अपनी रोजी-रोटी पका नें में व्यस्त है लेकिन कुछ ऐसे अधिकारी भी होते हैं जो पूरी जिम्मेदारी और तन्मयता के साथ अपना दायित्व निर्वहन करते ऐसे ही अधिकारियों में शामिल गुलाब मर्सकोले ने केंद्र व राज्य शासन की विभिन्न जनकल्याणकारी योजनाओं कार्यक्रमों का व्यापक प्रचार प्रसार करने में सदैव अग्रणी भूमिका निभाई जिसके परिणाम स्वरूप आज शासन की तमाम योजनाएं समाज के अंतिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक पहुंची है। समाचार माध्यमों के जरिए आज शहडोल जिले का हर तबके का व्यक्ति इन शासकीय योजनाओं और उनके लाभों से न सिर्फ परिचित है बल्कि बढ़ चढ़कर इनका लाभ भी उठा रहा है।
इतिहास गवाह है की अच्छा कार्य करने वाले लोगों को अपने दायित्व निर्वहन में विभिन्न बधाओं का भी सामना करना पड़ता है इन तमाम बधाओं और विघ्नों को पार कर अपने लक्ष्य को हासिल करने वाला अधिकारी भी सफल माना जाता है गुलाब मर्सकोले के मार्ग में भी अनेक बाधाएं आई कुछ विघ्न संतोषी लोगों के इशारे पर कतिपय पत्रकारों द्वारा समय-समय पर उनका विरोध भी किया जाता रहा है। लेकिन उन्होंने कभी भी विरोधियों को महत्व नहीं दिया सिर्फ अपने काम पर लगे रहे जिसका परिणाम यह है कि तकरीबन 12 वर्षों से वह अपने इस दायित्व को निभाते आ रहे हैं मौजूदा समय में एक बार फिर कुछ लोगों ने आदिवासी अधिकारी के खिलाफ मुहिम की शुरुआत की है। शिकवा शिकायतों का दौर भी चल रहा है अब देखना यह है कि प्रदेश के मुखिया और वरिष्ठ अधिकारी एक जिम्मेदार और कर्मठ अधिकारी के त्याग तपस्या को महत्व देते हैं या चाटुकार एवं विघ्नसंतोषियों कि साजिशों को सफल बनाते हैं।
अजय पाल
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