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छत्तीसगढ़ शराब घोटाला: पूर्व मंत्री कवासी लखमा और बेटे हरीश गिरफ्तार, सियासी घमासान तेज

रायपुर

छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित 2000 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए राज्य के पूर्व आबकारी मंत्री और मौजूदा कांग्रेस विधायक कवासी लखमा और उनके बेटे हरीश लखमा को गिरफ्तार कर लिया। यह गिरफ्तारी रायपुर स्थित ईडी कार्यालय में तीसरी बार की गई पूछताछ के बाद हुई। ईडी के वकील सौरभ चंद्राकर ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की।

ईडी ने 28 दिसंबर 2024 को रायपुर, सुकमा और धमतरी जिलों में लखमा और उनके बेटे के ठिकानों पर छापेमारी की थी। जांच के दौरान नकद लेनदेन के सबूत मिलने का दावा किया गया था। ईडी ने आरोप लगाया कि 2019-2022 के बीच भूपेश बघेल सरकार के दौरान लखमा को शराब घोटाले की आय से मासिक रूप से बड़ी धनराशि नकद में प्राप्त होती थी।

ईडी के मुताबिक, कवासी लखमा ने पूछताछ के दौरान अपनी बेगुनाही का दावा किया और कहा कि उन्हें झूठे मामले में फंसाया जा रहा है। वहीं, गिरफ्तारी के बाद उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह एक आदिवासी नेता की आवाज दबाने का प्रयास है।

गिरफ्तारी के बाद राज्य की सियासत गरमा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ईडी की कार्रवाई को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार दिया। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “यह कार्रवाई केंद्र सरकार के इशारे पर कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने की साजिश है। पूरी कांग्रेस पार्टी कवासी लखमा के साथ खड़ी है।”

डिप्टी सीएम विजय शर्मा ने भी प्रतिक्रिया दी और कहा कि लखमा के आबकारी मंत्री रहते हुए “FL-10” लाइसेंस के नाम पर घोटाला किया गया। उन्होंने कहा, “कानून अपना काम करेगा और दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।”

शराब घोटाले की कुल राशि 2000 करोड़ रुपये आंकी गई है। यह घोटाला कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ, जब लखमा आबकारी मंत्री थे। ईडी ने दावा किया है कि इस घोटाले में अपराध की आय से कई नेताओं को आर्थिक लाभ पहुंचाया गया।

इस मामले में जहां कांग्रेस पार्टी ईडी की कार्रवाई को राजनीतिक बदले की भावना बता रही है, वहीं भाजपा इसे “भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई” कह रही है। आगामी पंचायत चुनावों के बीच यह मामला राजनीतिक बहस का मुख्य मुद्दा बन गया है। कवासी लखमा की गिरफ्तारी से छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस घोटाले का असर राज्य की राजनीति और आगामी चुनावों पर पड़ना तय है। अब अदालत और ईडी की अगली कार्रवाई पर सबकी नजर है।

( राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)

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