रायपुर
छत्तीसगढ़ की राजनीति में हाल ही में नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के एक बयान ने हलचल मचा दी है। अंबिकापुर में मीडिया से बातचीत के दौरान महंत ने कहा था कि आगामी विधानसभा चुनाव टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा और कांग्रेस फिर से सरकार बनाएगी।
इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चाओं का दौर शुरू हो गया। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस पर नाराज़गी से प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि महंत पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं और दिल्ली में पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और केसी वेणुगोपाल से मिलते रहते हैं। यदि उन्हें इस तरह की घोषणा करने का अधिकार दिया गया है, तो इसकी जानकारी उन्हें नहीं है। बघेल ने यह भी जोड़ा कि पार्टी में इस प्रकार की घोषणाएं हाईकमान ही करता है ।
टीएस सिंहदेव ने भी महंत के बयान पर प्रतिक्रिया दी, जिसमें उन्होंने कहा कि ऐसे निर्णय पार्टी हाईकमान द्वारा लिए जाते हैं और महंत का बयान स्थानीय स्तर के संदर्भ में हो सकता है। उन्होंने इस मुद्दे को यहीं समाप्त करने की सलाह दी।
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने महंत के बयान को कांग्रेस के भीतर चल रहे सत्ता-संघर्ष और गुटीय खींचतान का प्रतीक बताया। उन्होंने कांग्रेस की विचारधारा को भ्रष्टाचार-केंद्रित बताते हुए कहा कि पार्टी नए नेताओं की तलाश में रहती है जो जनता से लूट कर सकें। देव ने यह भी आरोप लगाया कि भूपेश बघेल के कार्यकाल में प्रदेश में भयंकर भ्रष्टाचार हुआ है और अब कांग्रेस भी बघेल से किनारा कर रही है।
बाद में, चरणदास महंत ने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि पार्टी में नेतृत्व से संबंधित निर्णय हाईकमान द्वारा लिए जाते हैं और उन्होंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया था जो इस प्रक्रिया के विपरीत हो।
इस घटनाक्रम ने छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर से हलचल पैदा कर दी है, जहां कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
( राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)
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