रायपुर
छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू का खतरा बढ़ने के साथ ही बिलासपुर के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है। पशु विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए विशेष सावधानियां बरतने के निर्देश दिए हैं। केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण (CZA) ने बर्ड फ्लू के संभावित प्रसार को देखते हुए कानन पेंडारी जू में बाघ, तेंदुआ और शेर जैसे मांसाहारी जानवरों के आहार में चिकन के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है।
बर्ड फ्लू के संक्रमण से बचाव के लिए चिड़ियाघर प्रशासन ने मांसाहारी जानवरों के आहार में बदलाव किया है। अब इन जानवरों को चिकन के बजाय भैंस, बकरी और अन्य मांसाहारी विकल्प प्रदान किए जा रहे हैं। इसके साथ ही, चिड़ियाघर के पक्षी अनुभाग में विशेष निगरानी रखी जा रही है, और सफाई एवं कीटाणुशोधन के उपायों को सख्ती से लागू किया गया है।
चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया कि वर्तमान में किसी भी जानवर में बर्ड फ्लू के लक्षण नहीं पाए गए हैं, लेकिन एहतियात के तौर पर सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। चिड़ियाघर आने वाले आगंतुकों को भी निर्देशित किया गया है कि वे पक्षियों के संपर्क में आने से बचें और चिड़ियाघर के नियमों का पालन करें।
बर्ड फ्लू के बढ़ते खतरे को देखते हुए राज्य के अन्य हिस्सों में भी पशु विभाग ने अलर्ट जारी किया है और पोल्ट्री फार्मों में निगरानी बढ़ा दी गई है। इस प्रकार, छत्तीसगढ़ में बर्ड फ्लू के संभावित खतरे को देखते हुए सभी संबंधित विभाग और संस्थान सक्रिय हैं और आवश्यक सावधानियां बरत रहे हैं। जनता से अपील की गई है कि वे किसी भी मृत पक्षी की सूचना तुरंत संबंधित अधिकारियों को दें और स्वयं उनसे दूर रहें।
( राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)
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