रायपुर
छत्तीसगढ़ में इस बार के नगरीय निकाय चुनाव ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) से कराए जाएंगे, जबकि त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के लिए बैलेट पेपर का उपयोग किया जाएगा। राज्य सरकार ने इस संबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। यह फैसला नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों की अलग-अलग चुनावी आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
राज्य में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तारीखों का ऐलान 18 जनवरी के बाद किया जा सकता है। अंतिम मतदाता सूची का प्रकाशन भी इसी दिन होगा। पहले यह सूची 15 जनवरी को प्रकाशित होनी थी, लेकिन इसे तीन दिन बढ़ाकर अब 18 जनवरी को जारी किया जाएगा।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि नगरीय निकाय चुनावों में ईवीएम का उपयोग पारदर्शिता और सटीकता सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया है। वहीं, पंचायत चुनावों में बैलेट पेपर का इस्तेमाल ग्रामीण क्षेत्रों की पारंपरिक और व्यावहारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा।
सरकार के इस फैसले पर राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी तेज़ हो गई हैं। कांग्रेस ने इस कदम को पारदर्शी और लोकतांत्रिक व्यवस्था को मजबूत करने वाला बताया है। वहीं, भाजपा ने पंचायत चुनावों में ईवीएम का उपयोग न करने पर सवाल उठाते हुए इसे ग्रामीण मतदाताओं के साथ भेदभाव करार दिया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि नगरीय निकाय चुनावों में ईवीएम का उपयोग न केवल प्रक्रिया को तेज़ और सटीक बनाएगा, बल्कि विवादों की संभावना भी कम करेगा। दूसरी ओर, ग्रामीण क्षेत्रों में बैलेट पेपर का उपयोग उन मतदाताओं के लिए अधिक उपयुक्त है, जहां डिजिटल साक्षरता अभी भी चुनौती बनी हुई है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने बताया कि चुनावों के लिए तैयारियां पूरी गति से चल रही हैं। नगरीय निकाय चुनावों के लिए ईवीएम का ट्रायल रन जल्द शुरू किया जाएगा। वहीं, पंचायत चुनावों के लिए बैलेट पेपर की छपाई और वितरण की प्रक्रिया भी प्राथमिकता से की जा रही है।
छत्तीसगढ़ में आगामी चुनावी प्रक्रिया के लिए ईवीएम और बैलेट पेपर का यह संतुलन न केवल प्रशासनिक स्तर पर एक नई दिशा प्रदान करेगा, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी इसे लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं। अब सभी की नजरें 18 जनवरी के बाद घोषित होने वाली मतदान तिथियों पर टिकी हुई हैं।
( राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)
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