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छत्तीसगढ़ में नक्सलियों ने पिछले दो सप्ताह में छह आईईडी ब्लास्ट किये आठ डीआरजी जवान समेत 11 की गई जान

रायपुर 13 जनवरी 2025

छत्तीसगढ़ के बीजापुर और सुकमा जिलों में पिछले 13 दिनों में नक्सलियों द्वारा किए गए छह आईईडी विस्फोटों में 11 लोगों की मौत हो गई है, जिनमें आठ डीआरजी जवान, दो नागरिक और एक मवेशी शामिल हैं, जबकि सात अन्य घायल हुए हैं।

6 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले में नक्सलियों ने सर्च ऑपरेशन से लौट रहे डीआरजी जवानों के वाहन को 50 किलोग्राम आईईडी से उड़ा दिया, जिससे आठ जवान और वाहन चालक शहीद हो गए। दूसरी घटना में 10 जनवरी 2025 को नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से एक मवेशी की मौत हो गई।
वहीं 11 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले के महादेव घाट इलाके में आईईडी विस्फोट में सीआरपीएफ का एक जवान घायल हो गया। एक अन्य घटना में 12 जनवरी 2025 को बीजापुर जिले के कुटरू थाना क्षेत्र के जैगुर गांव के पास एरिया डोमिनेशन के दौरान दो जवान, रामसू मज्जी और गजेंद्र साहू, नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आकर घायल हो गए। 12 जनवरी 2025 को ही नारायणपुर जिले में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी विस्फोट में एक ग्रामीण की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।12 जनवरी 2025 को एक और घटना में सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के तिम्मापुरम गांव के पास नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आने से एक मासूम बच्ची घायल हो गई। इन घटनाओं से स्पष्ट होता है कि नक्सली रणनीति के तहत लगातार आईईडी विस्फोट कर अपनी उपस्थिति जता रहे हैं।

आमतौर पर ये ब्लास्ट सुरक्षा बलों की सर्चिंग कर वापस आते समय होते हैं। वापसी में सुरक्षा बल भी थके होते हैं और थोड़े लापरवाह भी, तो सुरक्षा प्रोटोकॉल के पालन में भी कभी चूक हो जाती है। ग़ौरतलब है कि उन क्षेत्रों में लगाए जाते हैं जहां मोबाइल नेटवर्क नहीं होता, जिससे संचार बाधित होता है और सहायता पहुंचने में देरी होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि सड़क निर्माण के दौरान विस्फोटकों को सड़क के नीचे लगाना बिना निर्माण टीम की जानकारी के संभव नहीं लगता, जिससे सड़क ठेकेदारों की भूमिका पर सवाल उठते हैं।

इन परिस्थितियों में, यह आवश्यक है कि सुरक्षा बल गश्त के बाद वापसी के समय भी उतनी ही सतर्कता बरतें जितनी सर्च ऑपरेशन के दौरान। सुरक्षा प्रोटोकॉल का कड़ाई से पालन किया जाना और सड़क निर्माण में संलग्न सभी पक्षों की भूमिका की गहन जांच आवश्यक है, ताकि भविष्य में ऐसे हादसों से बचा जा सके। इन घटनाओं की गंभीरता को देखते हुए, सुरक्षा बलों की सतर्कता और रणनीति में सुधार की आवश्यकता है, ताकि नक्सलियों की इन कायराना हरकतों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके।

( राजीव खरे ब्यूरो चीफ छत्तीसगढ़)

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