आखिर 10 माह में एक भी कक्ष की जांच क्यों नहीं हो सकी पूर्ण
*9.84 करोड़ रुपएc का प्लांटेशन चढ़ा भ्रष्टाचार की भेंट
चंदेरी- मध्य प्रदेश राज्यवन विकास निगम द्वारा वन मंडल अशोकनगर की वन भूमि पर वर्ष 2020-21 में 9.84 करोड रुपए की लागत से कागजों में फर्जी तरीके से तैयार कराए गए प्लांटेशन जो कि जिम्मेदारों की मिली भगत से भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके हैं 9.84 करोड़ रुपए की राशि का बिना पौध लगाए या कुछ कक्षों में संख्या से कम पौधे लगाए वन विकास निगम के निचले पायदान से लेकर उच्चतम पायदान पर बैठे जिम्मेदारों की मिली भगत से करोड़ों रुपए की राशि का बंदर वाट कागजों में खाना पूर्ति कर कर लिया गया लगभग 4 साल तक अशोकनगर की वनभूमि पर हुए पौधारोपण की कागजो में खानापूर्ति की जाती रही और जमीनी हकीकत कुछ और थी क्षेत्र के जिम्मेदार नागरिक द्वारा जब पौधा रोपण कार्य में हुए भ्रष्टाचार की शिकायत राज्य वन विकास निगम भोपाल में बैठे जिम्मेदार अधिकारियों सहित वनमंडल अधिकारी अशोकनगर, कलेक्टर जिला अशोकनगर को की तब जाकर वन विकास निगम ने इन कक्षों की जांच हेतु आदेश पारित किया आदेश तो पारित कर दिया किंतु लगभग 10 माह व्यतीत हो जाने पर भी वन विकास निगम द्वारा केवल दो कक्षों की जांच कराई गई वह भी आज तक अधूरी है अधूरी जांच कर,जांच को प्रभावित करने के उद्देश्य से वन विकास निगम के जिम्मेदारों एवं वन मंडल अशोकनगर में बैठे कुछ जिम्मेदारों के मिली भगत से जिन कक्षों में पधारोपण कार्य हुआ ही नहीं उनमें पुनः चोरी छुपे पौधारोपण कार्य किया जाने का प्रयास किया जा रहा है ताकि वनमंडल अधिकारी को धोखे में रख गुमराह कर प्लांटेशनो की हस्तांतरण प्रक्रिया पूर्ण की जा सके चोरी छुपे कराए जा रहे हैं इस पौधारोपण कार्य से जांच पूरी तरह प्रभावित करने का षड्यंत्र जो राज्य वन विकास निगम के जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा रचा जा रहा है वह आखिर कहां तक उनकी अनियमितताओं पर, भ्रष्टाचार युक्त कार्य प्रणाली पर पानी डालकर कर जांच को प्रभावित करेगा यह विचारणीय है।
मामला राज्य वन विकास निगम द्वारा आर डी एफ योजनांतर्गत अशोकनगर परिक्षेत्र में चंदेरी ईसागढ़ के पास लगभग 9.84 करोड रुपए की लागत से 6 कक्षों में किया गया पौधारोपण कार्य वन विकास निगम की जिम्मेदारों की मिली भगत के चलते भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा है साथ ही जो राशि राज्य वन विकास निगम को राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण के संरक्षण एवं उन्नयन के लिए जारी की गई थी उसे राशि का सदुपयोग न करते हुए राज्य वन विकास निगम के जिम्मेदारों द्वारा शासन को व्यापक स्तर पर आर्थिक स्थिति पहुंचाई है।
पौधारोपण में हुई लापरवाही अनियमिता एवं भ्रष्टाचार के संबंध में आवेदक निर्मल विश्वकर्मा चंदेरी द्वारा सभी कक्षों की जांच राज्य वन निगम के जिम्मेदार अधिकारियों को पत्राचार कर सभी छह कक्षों में व्यापक स्तर पर हुए भ्रष्टाचार में जांच की मांग की थी।
जिस पर कृष्ण कुमार यादव उप संभागीय प्रबंधक परियोजना मंडल रायसेन,गोविंद सिंह कुशवाह वन परिक्षेत्राधिकारी ग्यारसपुर द्वारा पिछले 10 माह में 4 बार पौधारोपण किए हुए 6 कक्षों में से केवल दो कक्षों में जांच प्रक्रिया चलाई गई लेकिन किसी भी एक कक्ष की जांच पूर्ण नहीं की गई और जांच में अनावश्यक विलंब ,बे बजह के बहाने बनाकर जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया जाता रहा हद तो जब हो गई जब जिन प्लांटेशन में पिछले 5 वर्ष पूर्व पौधारोपण कार्य संपन्न कराया जा चुका है उन प्लांटेशन में आज फिर पुनः चोरी छुपे प्लांटेशन कराया जाकर पौधो की गिनती को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है।
क्या वन विकास निगम के जिम्मेदार अधिकारी अपनी कमियों को छुपाने के उद्देश्य से जिला बनमंडल अधिकारी अशोकनगर को धोखे में रख कर गुमराह कर पुनः चोरी छुपे क्यों पौधारोपण कार्य कर हस्तांतरण करने का प्रयास कर रहे हैं।
बिना जांच पूर्ण किए दबे पांव कक्षों के हस्तांतरण की प्रक्रिया हुई तेज
राज्य वन विकास निगम द्वारा अशोकनगर परिक्षेत्र में किए गए पौधारोपण कार्य में वित्तीय अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की जांच हेतु दिए गए आवेदन पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने अपना पल्ला झाड़ने का प्रयास किया साथ ही जांच को कार्य को बिलंब एवं प्रभावित करते हुए वन मंडल अधिकारी अशोकनगर को यह समस्त कक्ष हस्तांतरण करने की कवायद तेज कर दी है। जिसमे 31 मार्च 2024 तक हस्तांतरण प्रक्रिया पूर्ण होने की जानकारी प्राप्त हुई है। जिसमें संभागीय प्रबंधक विदिशा रायसेन परियोजना मंडल द्वारा वन मंडल अधिकारी अशोकनगर को पत्राचार कर इन कक्षों के हस्तांतरण हेतु क्षेत्रीय अधिकारियों / कर्मचारियों को नामांकित करने तथा संयुक्त रूप से निरीक्षण उपरांत उक्त वृक्षारोपणों को हस्तांतरित करने के लिए भी लिखा गया है।
जांच का विषय
(1) वर्तमान में चोरी छुपे कक्षों में राज्य वन निगम द्वारा आखिर क्यों कराया जा रहा प्लांटेशन ।
(2)10अक्टूबर2023में इन समस्त कक्षों की जांच हेतु दिए गए आवेदन पर विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों ने गंभीरता से क्यों नहीं लिया।
(3) लगभग 10 माह व्यतीत हो जाने के पश्चात भी आखिर जांचप्रक्रिया पूर्ण क्यों नहीं हुई।
(4) 10 माह मैं केवल चार बार जांच दल गठित कर जांच कराई गई वह भी महज औपचारिक रूप से अधूरी ।
(4)जांच दल द्वारा कक्ष क्रमांक 48 की जांच अधूरी छोड़कर कक्ष क्रमांक 85 की जांच कराए जाने का क्या औचित्य ।
(5) सभी छह कक्षों में से एक भी कक्ष की जांच पूर्ण किए बिना वन मंडल अधिकारी अशोकनगर को 31 मार्च 2024 तक पौधारोपण किए हुए कक्षों के हस्तांतरण करने का क्या औचित्य।
(6) कक्ष क्रमांक 49 में चोरी छुपे क्यों लगाया जा रहे हैं पौधे।
राज्य वन विकास निगम के किसी भी जिम्मेदार ने नहीं उठाया फोन
राज्य वन विकास निगम द्वारा चोरी छुपे कक्ष क्रमांक 49 में किया जा रहा पौधारोपण कार्य जो की जांच प्रभावित करने के लिए पर्याप्त है के बारे वन विकास निगम के निचले पायदान से लेकर वरिष्ठ पायदान तक बैठे पदाधिकारी जिनमे सुदीप सिंह क्षेत्रीय मुख्य महाप्रबंधक, तरुण कौरव संभागीय प्रबंधक विदिशा रायसेन परियोजना मंडल, कृष्ण कुमार यादव उप संभागीय प्रबंधक, गोविंद सिंह कुशवाह वन परिक्षेत्र अधिकारी ग्यारसपुर सहित राजेंद्र प्रसाद जरेले डिप्टी रेंजर राज्य वन विकास निगम केअधिकारियों से संवाददाता द्वारा इस चोरी छुपे किये जा रहे वृक्षारोपण के बारे में जानना चाहा तो इनमें से किसी भी व्यक्ति द्वारा फोन रिसीव नहीं किया गया राज्य वन विकास निगम के जिम्मेदार व्यक्ति का फोन ना उठाना अपने आप मे इनकी कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान अंकित करता है।
इनकाकहना है।
(1)वन विकास निगम द्वारा पौधारोपण किए गए कक्षों के हस्तांतरण प्रक्रिया और चल रही जांच की जानकारी मुझे है मैं वरिष्ठ अधिकारी का निर्देशन में कार्य कर रहा हूं आपके द्वारा मुझे कक्ष क्रमांक 49 में चोरी छुपे पौधा की जानकारी प्राप्त हुई है में डिप्टी रेंजर से कह कर अभी दिखवाता हूं।और पौधा रोपण कार्य बंद करवाता हूं।
आदित्य शांडिल्य
उप वनमण्डल अधिकारी जिला अशोक नगर।
(2)आपके द्वारा मुझे कक्ष क्रमांक 49 में पुनः चोरी छुपे पौधारोपण की जानकारी प्राप्त हुई है वर्तमान में अभी हस्तांतरण प्रक्रिया और जांच प्रक्रिया विचाराधीन है मैं अभी इस मामले को दिखवाता हूं।
आकाश साहू वन परिक्षेत्र अधिकारी अशोकनगर।
(3) मेरे द्वारा अक्टूबर 2023में इन सभी कक्षों की जांच हेतु राज्य वन विकास निगम के वरिष्ठ अधिकारियों को आवेदन प्रस्तुत कर जांच की मांग की थी किंतु निगम के जिम्मेदारों द्वारा जांच प्रक्रिया को गंभीरता से न लेते हुए जांच को प्रभावित करने का प्रयास किया गया साथ ही वन परिक्षेत्र अशोकनगर के जिम्मेदारों को अंधेरे में रखकर पौधारोपण के हस्तांतरण की प्रक्रिया भी अंदर खाने चलाई जा रही है और पांच साल पुराने प्लांटेशन में एक बार फिर चोरी छुपे पौधारोपण कार्य किया जा रहा है ऐसी स्थिति में मेरा प्रशासन से निवेदन है कि सभी 6 कक्षों में हुए पौधारोपण कार्य में भ्रष्टाचार की जांच वरिष्ठ अधिकारियों के मार्गदर्शन में एक साथ समुचित रूप से की जानी चाहिए ताकि शासन को पहुंचाई गई आर्थिक क्षति के जिम्मेदारों के विरुद्ध वैधानिक दंडात्मक कार्रवाई संपन्न हो सके।
आवेदक
निर्मल विश्वकर्मा चंदेरी
पत्रकार सैयद आबिद हाशमी
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