शहडोल-
मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव की तैयारी जोरों पर चल रही है, विधानसभा क्षेत्र से लेकर प्रदेश स्तर तक के नेता अपनी नेतागिरी चमकाने के लिए क्षेत्र में लुभाने वादे करने निकल रहे हैं। कुछ नेता तो सीधे पार्टी ही बदल रहे हैं। गांव में भी छुट भैया नेताओं की बाढ़ सी आ गई है। ग्राम पंचायत स्तर पर होने वाले कार्यक्रम में यह छुट भैया नेता सीधे पार्टी के बड़े लीडरों के खसम खास बताना शुरू कर दिए हैं। गांव के विकास को लेकर ऐसे वादे कर रहे हैं जैसे बजट उनकी जेब पर हो । गांव के भोले भाले लोगों को पार्टी में ज्वाइन करा कर नेताओं के खास बन रहे हैं। लेकिन लीडर भी इनकी भावनाओं को भली भांति समझ रहे हैं, लेकिन मजबूरी है कि विधानसभा चुनाव नजदीक है। दल बदलू नेताओं की पहचान तो उस समय भली भांति की जा सकती है, जब चुनाव का पर्व आते ही यह जिले के लीडरों के आसपास मंडराने लगते हैं । चुनाव के 1 दिन पूर्व इन नेताओं के पास से खुद की पार्टी के कम व दूसरी पार्टी के झंडा बैनर की भरमार होती है। चुनाव में यह अपनी पार्टी भूल कर गांव के ठेकेदार बन जाते हैं। और पैसों की लालच में दूसरी पार्टी का झंडा बैनर लेकर प्रत्याशियों के खास बताने लगते हैं। शहडोल के तीनों विधानसभा में यह छुटभैया नेता अपनी पैठ जमाने कई हथकंडे अपना रहे हैं। इन नेताओं में कुछ तो अपने ग्राम पंचायत से जनप्रतिनिधि भी है जो पंचायत चुनाव में भाजपा के नेताओं का साथ दे रहे थे वहीं विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का झंडा पकड़ लिया। सुबह होते ही नेता कलपदार कुर्ता पहनकर गांव के चाय पान की दुकान पर अपनी नेतागिरी चमका रहे हैं।
अजय पाल
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