मंडला के एक गांव में बच्चे तो समय से स्कूल पहुंच जाते हैं, लेकिन शिक्षक अपने मनमाने समय पर ही स्कूल पहुंचते हैं। बीजाडांडी ब्लॉक के ऐसे कई स्कूल है, जो समय पर कभी खुलते ही नहीं हैं। ऐसा ही एक नजारा देखने को मिला है। जहां रोजाना सरस्वती शिशु मंदिर बीजाडांडी में बच्चे बाहर खड़े रहते हैं और स्कूल में ताला डला रहता है। जहां सुबह 10 बजे खुलने वाला स्कूल कभी 11 बजे तो कभी 12 बजे खुलता है। जबकि बच्चे स्कूल का ताला खुलने का इंतजार करते रहते हैं।
नहीं खुलता ताला, होते हैं परेशान
बीजाडांडी के सरस्वती शिशु मंदिर शाला में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का कहना है कि वह रोजाना समय से स्कूल में पहुंच जाते हैं, लेकिन स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षक अपने मनमाने समय पर ही स्कूल आते हैं। कभी स्कूल समय पर नहीं खुलता है। कभी शिक्षक 11 बजे तो कभी 12 बजे शिक्षक स्कूल आते हैं और मोबाइल में लग जाते हैं।
लेकिन वहां काफी देर तक उन्हें स्कूल खुलने का इंतजार करना पड़ता है। यह केवल बीजाडांडी गांव का ही मामला नहीं है, ऐसे ब्लॉक में ग्रामीण क्षेत्रों के कई स्कूल है। जहां मनमाने समय से शिक्षक स्कूल पहुंचते हैं और मनमाने समय से स्कूल भी बंद कर दिया जाता है।
संवाददाता :- फिरदौस खान
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