रायपुर:
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह अपने एक दिवसीय दौरे पर गुरुवार को छत्तीसगढ़ पहुंचे। उनका यह दौरा धार्मिक महत्व रखता है, क्योंकि वे चंद्रगिरी, डोंगरगढ़ में जैन संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर महाराज की प्रथम समाधि स्मृति महोत्सव में शामिल हुए। इस दौरान उन्होंने आचार्य विद्यासागर महाराज की स्मृति में 100 रुपये का स्मारक सिक्का, 5 रुपये का डाक टिकट और 108 पदचिह्नों का विमोचन किया।
धार्मिक आस्था और सम्मान का प्रतीक
गृहमंत्री अमित शाह ने इस अवसर पर कहा कि आचार्य विद्यासागर जी का जीवन समाज के लिए प्रेरणास्रोत रहा है। वे न केवल जैन समाज के बल्कि पूरे देश के आध्यात्मिक गुरु थे, जिन्होंने अहिंसा, त्याग और सदाचार का संदेश दिया। स्मारक सिक्के और डाक टिकट के विमोचन को उनके अमूल्य योगदान का सम्मान बताया गया।
विशेष आयोजन और संत समाज की उपस्थिति
इस कार्यक्रम में देशभर से आए जैन संतों, अनुयायियों और श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। इस दौरान धार्मिक अनुष्ठान और प्रवचन भी हुए, जिसमें आचार्य विद्यासागर महाराज के विचारों और समाज सुधार के कार्यों को रेखांकित किया गया।
छत्तीसगढ़ सरकार और केंद्र की सहभागिता
गृहमंत्री अमित शाह के इस दौरे को लेकर राज्य सरकार ने भी व्यापक तैयारियां की थीं। सुरक्षा व्यवस्था को चाक-चौबंद किया गया था, और प्रशासनिक स्तर पर कार्यक्रम को सफल बनाने में पूरा सहयोग दिया गया।
राजनीतिक संदेश भी जुड़ा?
हालांकि गृहमंत्री अमित शाह का यह दौरा धार्मिक था, लेकिन इसे राजनीतिक दृष्टिकोण से भी देखा जा रहा है। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद यह उनकी पहली आधिकारिक यात्रा थी, जिससे इसे पार्टी कार्यकर्ताओं और जनता के बीच सकारात्मक संदेश के रूप में भी जोड़ा जा रहा है।
संत विद्यासागर महाराज की विरासत को सम्मान
आचार्य विद्यासागर जी महाराज का जीवन त्याग, तपस्या और आध्यात्मिक उन्नति का प्रतीक रहा है। उनकी प्रथम समाधि स्मृति पर आयोजित इस कार्यक्रम में केंद्रीय गृहमंत्री की उपस्थिति जैन समाज के लिए एक ऐतिहासिक क्षण बना।
गृहमंत्री अमित शाह के इस दौरे के बाद राजनीतिक और धार्मिक दोनों क्षेत्रों में इस कार्यक्रम की व्यापक चर्चा हो रही है।
( राजीव खरे चीफ ब्यूरो छत्तीसगढ़)
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