मंदसौर मध्य प्रदेश के चंबल नदी पर स्थित गांधी सागर बांध पर नए पुल का निर्माण होगा यह पुल 8 मीटर चौड़ा और 4.3 किलोमीटर लंबा होगा। इस पुल के बनने से मंदसौर जिले की मल्हारगढ़ और गरोठ विधानसभा क्षेत्रों के बीच की दूरी 40 से 60 किमी तक कम हो जाएगी।
पूर्व जिला पंचायत सदस्य जैतराम पाटीदार 2010 से इस पुल के प्रयास में थे। 2015 में तत्कालीन कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह ने पुल की डीपीआर तैयार करवाई थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इसकी स्वीकृति दी थी। लेकिन तब पुल का निर्माण नहीं हो पाया।
5 मार्च को जैतराम पाटीदार, मुकेश चौधरी प्रहलाद पाटीदार और जनपद सदस्य बाबूलाल भाटी का प्रतिनिधिमंडल भोपाल में उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा से मिला इसके बाद शनिवार को सेतु निर्माण की टीम ने चचावदा पठारी गांव में सर्वे कार्य शुरू किया अब 7 दिनों में नई डीपीआर तैयार होगी।
यह पुल 2028 के उज्जैन सिंहस्थ मेले के लिए भी अहम होगा। राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र के 14 जिलों मध्य प्रदेश के मंदसौर-नीमच और गुजरात के कई जिलों से उज्जैन जाने वालों को इस मार्ग से लाभ मिलेगा। साथ ही दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और गरोठ उज्जैन फोरलेन से जुड़ने से क्षेत्र के लोगों को दिल्ली,मुंबई, भोपाल, उज्जैन और इंदौर जाने में सुविधा होगी। इससे व्यापारिक और औद्योगिक विकास को नई दिशा मिलेगी।
इस पुल का पर्यटक क्षेत्र में भी बड़ा योगदान होगा
गांधी सागर झील, हिंगलाजगढ़ का किला, देवी स्थान पशुपतिनाथ मंदिर, आरोग्यधाम मां दुधा खेड़ी मंदिर अति प्राचीन धर्म राजेश्वर मंदिर,भादवा माता मंदिर आयुर्वेद में तक्रेश्वर महादेव विश्व की प्रसिद्ध जड़ी बूटियां प्रसिद्ध स्थान इस क्षेत्र में सम्मिलित है। जिसमें इस पुल की अहम भूमिका होगी
रिपोर्टर-जीतेन्द्र सिंह प्रितेश फरक्या
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