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कलेक्टर से शिकायत के एक साल बाद भी नहीं हुई कार्यवाही

डिंडौरी मध्यप्रदेश

बटौंधा पंचायत के रोजगार सहायक पर शासकीय राशि के दुरुपयोग का आरोप

जनपद पंचायत डिण्डौरी अन्तर्गत ग्राम पंचायत बटौधा में पदस्थ रोजगार सहायक मुकेष झारीया के खिलाफग्रामीणो ने शासन की राशि का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों ने कलेक्टर से की थी लेकिन कार्यवाई नही होने से ग्रामीणो में असंतोष व्याप्त है वही शिकायत के बाद कार्यवाई न होने से रोजगार सहायक के हौसले बुलन्द द है और वह मनमानी पर उतारू है।

आलम यह है कि ग्राम पंचायत में पदस्थ रहे सचिव का स्थानान्तरण होने के बाद ग्राम पंचायत पाकर बर्षरा के सचिव को अतिरिक्त प्रभार सौपा गया है ऐसी दषा में रोजगार सहायक अधिकतर कार्यों का संचालन कर रहा है जिसका परिणाम ग्रामीणो को भुगतना पड़ रहा है। शासन की अनेको योजनाओ का लाभ ग्रामीणो को नहीं मिल पा रहा है जिसका कारण रोजगार सहायक की मनमानी है। प्रषासन भी ऐसे रोजगार सहायको की हौसला अफजाई करते नजर आ रहा है इसके पूर्व भी रोजगार सहायको द्वारा ग्रामीणो को लूटने तथा शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं में पलीता लगाने

ग्रामीणो ने इनके खिलाफ शिकायत भी दर्ज करायी है लेकिन 2024/03/13 में 11010181 पर मिली भगत का आरोप लगा रहे हैं।

कार्यालय ग्राम पंचायत-बटोघा जनपद पंबायत डिण्डोरी जिला डिण्डोरी (म.प्र

ग्रामीणों का यह है आरोप

ग्रामीणों ने कलेक्टर से की गई शिकायत में उल्लेख किया है कि ग्राम पंचायत अन्तर्गत लोंदाझिर गांव में किहीलाल (मिहीलाल) पिता चुन्ने लाल का वर्ष 2018-19 में प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत हुआ था। प्रथम किष्त 25000/- रू. प्रदान किये गये थे लेकिन निर्माण कार्य नही कराया गया प्राप्त राषि से 15234/- का मजदूरी भुगतान के लिए फर्जी मस्टरोल तैयार कर भुगतान दर्षा दिया गया।

इसी तरह ग्राम बटौधा में हितग्राही मोती बल्द पुरिया सिंह का प्रधानमंत्री आवास वर्ष 2021-22 में पूर्ण बतलाकर 1,30,000/- का आहरण कर लिया गया जबकि आवास अपूर्ण है। इसी तरह ग्राम बंजारी में शुक्ला बल्द मंधो जाति बैगा वर्ष 2017-18 में प्रधानमंत्री आवास निर्माण के लिए दो किस्ते जारी हो चुकी है लेकिन निर्माण कार्य अधूरा पड़ा हुआ है। ग्रामीणो का आरोप है कि प्रधानमंत्री आवास निर्माण में रोजगार सहायक द्वारा मस्टरोल जारी कराने के साथ संधारण का काम किया जाता है इस दौरान रोजगार सहायक ऐसे व्यक्तियों का नाम मस्टरोल में दर्ज करता है

से दो अलग अलग प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत कराये गये है।

आठ वर्षों तक फर्जी आईडी बना लेता रहा फायदा

ग्रामीणों ने रोजगार सहायक पर गंभीर आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराये थे कि रोजगार सहायक मुकेष झारीया अपने परिवार के सदस्यों की पृथक पृथक तीन समग्र आईडी बनवा कर शासन की योजनाओ का लाभ लेता रहा। जानकारी लगने के बाद ग्रामीणो ने षिकायत दर्ज कराने की मंशा जाहिर की जिसकी भनक लगते ही समग्र आईडी पोर्टल से हटवा दिया गया।

जिनके द्वारा मजदूरी का काम नहीं किया गया है तथा करीबी होते है। वही जीओटेक पोर्टल में प्रधानमंत्री आवास निर्माण की स्थिति की फोटो भी रोजगार सहायक द्वारा सम्मिट की जाती है लेकिन उसके द्वारा. आवासो की फ्जीं पोटो सम्मिट की जाती है। जिसके बाद हितग्राही को अगली किस्त जारी कर दी जाती है जबकि आवास निर्माण उस लेबल में नही होता या निर्माण शुरू ही नहीं किया गया है।

रोजगार सहायक मुकेष झारीया की करतूत का इससे बड़ा उदाहरण क्या मिलेगा कि कमलसिह पी डब्ल्यू डी विभाग में नियमित लेबर है और उसका नाम मिहीलाल पिता चुन्ने लाल के प्रधानमंत्री आवास निर्माण में मजदूरी करना मस्टरोल में दर्ज है तथा 900 सी रूपये का भुगतान भी किया गया है। इस बावद ग्रामीणो का आरोप है कि एक व्यक्ति दो स्थानो पर मजदूरी कैसे कर सकता है। वहीं जिस व्यक्ति के नाम से प्रधानमंत्री आवास निर्माण में मजदूरी भुगतान किया गया है उसका जमीन में प्रधानमंत्री आवास की नीव तक नही रखी गई है। साथ ही आरोप लगाया गया है कि ग्राम पंचायत अन्तर्गत पति एवं पत्नि के नाम

ग्रामीणो ने बतलाया कि समग्र आईडी क्र. 35992129 जारी की गई थी जिसमें परिवार के मुखिया का नाम सीताराम पिता देवीदीन सदस्य सिलोचना बाई, घनष्याम, रोजगार सहायक मुकेष कुमार, रोषनी झारीया, जयदीप एवं उक्ता झारीया का नाम दं था। आईडी क्र. 28016943 में मुखिया के तौर पर रोजगार सहायक मुकेष झारीया का नाम दर्ज था तथा परिवार के सदस्यों में रोषनी झारिया का नाम था जिसका पंजीयन 21.03.2013 में किया गया था और जिसे पोर्टल से 22.02.2021 में हटाया गया। वही समग्र आईडी क्र. 28080525 में परिवार के मुखिया का नाम सीताराम और सदस्यो के रूप में रोजगार सहायक मुकेष कुमार का नाम दर्ज था जिसका भी 21.03.2013 में दर्ज किया गया था तथा 22.02.2021 को पोर्टल से हटा दिया गया । रोजगार सहायक की कार्यप्रणाली से तंग ग्रामीणो ने मोर्चा खोल हटाने की कवायद में लग गये है।

रिपोर्ट-अखिलेश झारिया

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