शहपुरा रेत घाट मामले मे जबरन फंसाने से नाराज –
शहपुरा भिटौनी – शहपुरा थाने में करणी सेना ने अपने पदाधिकारीयों का जबरन रेत मामले में एफआईआर में नाम आने से नाराज हों गये और शहपुरा थाना प्रभारी से बात कि और मामले कि स्पस्ट सही जांच करने का आग्रह किया ।
ज्ञात हों कि 8 जून को रेत घाट में हुई पोकलेन मशीन में आगजनी कि घटना घटित हुई थी। जिसमे आवेदक विश्वजीत सिंह ने शहपुरा थाने में आशीष सिंह, अनुराग सिंह और राजा बर्मन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई थी। जिसमे पुलिस ने तीनो के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया ।
इसी मामले में करणी सेना के दीपक सिंह चौहान, वीरेंद्र सिंह ने बताया कि अनुराग सिंह कॉलेज में एलएलबी का स्टूडेंट हे जो पढ़ाई के साथ घर पर खेती बाड़ी में परिवार का सहयोग करता है। उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है। उसका नाम राजनैतिक दवाब से जोड़कर इस प्रकरण में बेवजह फसा दिया गया है। जिस पर करणी सेना जबलपुर और शहपुरा के लोकल हज़ारों लोगों ने इसका पुरजोर विरोध कर मामले की निष्पक्ष जांच कि मांग की है। बता दे कि शहपुरा भिटौनी के आस पास बहुत सारे अवैध घाट चलते हैं और जो बिजना घाट की ये घटना है जो की पूर्ण रूप से अवैध है, जिसमें एक राजनैतिक पार्टी के नेताओ द्वारा दबंगई से बड़ी पोकलैंड मशीन से बीच नर्मदा जी का सीना चीरकर रेत माफिया रेत का जोर शोर से अवैध उत्खनन कर रहें थे। जिसके फोटो और वीडियो भी मौजूद है। जिससे नर्मदा किनारे गरीब किसानो की जमीनों से जबरन रेत के हाईवा निकालते हैं और जो उनका विरोध करता है तो उनको जान से मारने की धमकी देते है। बता दे कि 8 तारीख को नर्मदा जी के बीच में मशीन में शॉट सर्किट की वजह से आग लगी थी। फिर 3 दिन बाद जब अधजली मशीन क्षति ग्रस्त मशीन को नर्मदा जी से निकाल कर खेत में लाया गया और जो नर्मदा नदी में रेत के ढेर लगे थे उन्हे पुनः दूसरी मशीन से पानी में डालकर अवैध रेत उत्खनन के साक्ष्य मिटाने की कोशिश की गई। फिर तीन दिनों बाद 11 तारिक को आवेदक द्वारा रिपोर्ट की गई थी। बता दे कि इसके पहले भी पिछले वर्ष भी दो गुटों में झगड़ा हुआ था। इसके बाद भी प्रशासन की खामोशी पर प्रश्नचिन्ह है।
रिपोर्ट – बीरेंद्र सिंह
शहपुरा भिटौनी
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