प्रतिवर्ष की तरह इस बार भी पड़ाव स्थित श्रीराम मंदिर से दोपहर 1:30 बजे सैंकड़ों भक्तो की सहभागिता में बैंड बाजे के साथ नाचते गाते डोल ग्यारस के पावन अवसर पर पैदल शोभायात्रा निकली। मातृशक्ति, बच्चे ,युवा, बुजुर्ग सबने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया ।
हमारी संस्कृति हमारी विरासत है जिसमे तीज त्योहार धार्मिक परम्परों का काफी महत्व है। आज के दिन भगवान श्री कृष्ण राधारानी के साथ नर्मदा नदी में जलविहार कराया जाता है।श्रीराम मंदिर पड़ाव का डोला का अपना एक अलग इतिहास है पूर्वजों के अनुसार इसका ठीक अनुमान लगा पाना मुश्किल है फिर भी 90 वर्षो से ज्यादा समय माना जा सकता है क्युकी मंदिर निर्माण के पहले से ही डोला निकाला जाता रहा है। वर्षो से नियमित बैंड बाजा भजन कीर्तन जयघोष नाचते गाते डोल ग्यारस पर आयोजन पैदलनशोभा यात्रा पूरे रास्ते भक्तों द्वारा पूजन अर्चन प्रसाद वितरण के चलते लगभग चार घंटे में यात्रा पूरी होती है ये परंपरा आज भी उसी उत्साह के साथ कायम है। कछवाहा समाज के दोनो ट्रस्ट श्रीराम मंदिर ट्रस्ट और श्रीराधा कृष्ण मंदिर ट्रस्ट के संयुक्त आयोजन में श्रीराम मंदिर पड़ाव से डोला के साथ पड़ाव होते हुए भगत सिंह वार्ड स्थित श्रीराधा कृष्ण मंदिर होते हुए खेरमाई माता मंदिर बस स्टेंड से चिलमन चौक, कमानिया गेट , बुधवारी, झूला पुल होते हुए लगभग शाम 6 बजे तक रंगरेज घाट पहुंचे बढ़ते जलस्तर के कारण जिला प्रशासन के आदेनुसार इस बार जल विहार की अनुमति नहीं हुई। सबने नर्मदा तट पर पूजन अर्चन के पश्चात
दोनो डोला के साथ सब भक्तों के साथ श्रीराम मंदिर पड़ाव और भगतसिंह वार्ड स्थिति श्रीराधाकृष्ण मंदिर में रात्रि लगभग 8:30 बजे वापस आरती पूजन अर्चन के पश्चात उपस्थित सभी भक्तों को प्रसाद वितरण कर समापन किया गया।
मंडला से अशोक मिश्रा की रिपोर्ट
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