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कच्चे घरौंदे में रहने वाले बालचंद्र दिवाकर को मिला पक्का आशियाना

छत्तीसगढ़
बलरामपुर

रोटी, कपड़ा और मकान जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इंसान जीवनभर संघर्ष और मेहनत करता है, आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्तियों के लिए स्वयं का आवास एक सपने जैसा है, परंतु केन्द्र सरकार की मंशानुरूप शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं का समुचित लाभ समाज के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाने की है, ताकि समाज के हर वर्ग का समुचित विकास हो सके। इन्हीं महत्वकांक्षी योजनाओं में से एक है प्रधानमंत्री आवास योजना। कई लोगों के लिए मकान उनकी पूरी जिंदगी होती है खासकर, तब जब उनकी आधी जिंदगी कच्चे के घर में गुजर गई हो और जब उनका खुदका सपना सच होता है तो वो खुशी उनके लिए क्या मायने रखतीं है शब्दों में बयां करना पाना मुश्किल है। विकासखण्ड शंकरगढ़ के ग्राम जम्होर के आश्रित ग्राम भगवतपुर निवासी बालचन्द्र दिवाकर जिनकी उम्र 55 वर्ष हो चुकी है वह अपने पुश्तैनी कच्चे के घर में परिवार के साथ जीवनयापन कर रहे थे, वे बताते हैं कि पूरे परिवार की जिम्मेदारी उनके कंधे पर है। उन्होंने कृषि एवं मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करते हैं। उन्होंने अपने संघर्ष के दिनों को याद करते हुए भावुकता से बताया कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अपने इस जीवन में पक्के के मकान में अपने परिवार के साथ रह पाएंगे, उनके लिये पक्के का मकान एक सपने जैसा था। वे बताते हैं कि खप्पर के मकान में रहना मुश्किल होता था, बरसात के दिनों में घर के अंदर पानी आ जाता था तथा ठण्ड के दिनों में ठंड से बचना मुश्किल हो जाता था। बदलते मौसम के साथ परेशानियां भी बदलती रहीं साथ ही समय के साथ रेत, गिट्टी, सीमेंट और ईंट की खरीदी दर भी बहुत महंगी हो चुकी थी। परन्तु शासन की प्रधानमंत्री आवास योजना उनका पक्के घर को सपने को पूरा करने में सिद्ध हुई। प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत वर्ष 2018-19 में पक्का आवास बनाने के लिए शासन से स्वीकृति प्रदान की गई। उन्होंने बताया कि जब उनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत आया तब उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि वह अपने परिवार के साथ पक्के के मकान में रह पाएगा। प्रधानमंत्री आवास से उनका यह सपना सच होता नजर आया। शासन से अनुदान में मिली राशि तथा सहयोग से और स्वयं की बचत राशि को मिलाकर उन्होंने पक्का मकान बना लिया। अब पक्का मकान बन जाने से वे अपने परिवार के साथ उस पक्के के मकान में खुशहाल जीवन यापन कर रहे हैं।

( बलरामपुर ब्यूरो)

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