सरवाड़/केकडी
सरवाड श्री बालाजी मिष्टिका गौ सेवा समिति उपहार योजना के संचालको ने पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए करोड़ो रुपयों के लाखों टोकन खरीदने वाले लोगो को सूचना दिए बगैर ही ग्राम छापरी में स्थित एक मकान में दो फरवरी की रात्रि के समय ड्रा निकालकर न केवल इस बड़े मामले में लीपापोती कर दी बल्कि पुलिस और प्रशासन की आंखों में भी धूल झोंक दीं। इस सन्दर्भ में मिली जानकारी के अनुसार विगत दिनाक 21 जनवरी की रात्रि के समय श्री छापरा वाले बालाजी के मन्दिर परिसर में ड्रा निकालने से पूर्व ही हंगामा हो जाने के कारण श्री बालाजी मिष्टिका गौ सेवा समिति उपहार योजना के संचालक करोड़ो रूपये लेकर भूमिगत हो गए थे और इसके बाद टोकन खरीदने वाले क्षेत्र के पीड़ितों ने सरवाड स्थित पुलिस थाने में रिपोर्टें भी प्रस्तुत की गई। उपहार योजना के नाम पर संचालको द्वारा समूचे राज्यभर में लाखो टोकन बेचकर करोड़ो रुपये की ठगी किए जाने के बाद समूचे राज्यभर में टोकन खरीदने वाले लोगो में जबरदस्त हाहाकार मच गया था। सरवाड स्थित पुलिस थाने में इस उपहार योजना के संचालको के खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाने के बाद संचालको ने रिपोर्ट करने वालो पर समझौते का दबाव भी बनाया लेकिन बात नही बनते देख संचालको ने एक ओर नया षडयंत्र रचते हुए टोकन खरीदने वालों को बिना सूचना दिए ही दो फरवरी की रात्रि के समय तहसील क्षेत्र के ग्राम छापरी में स्थित एक मकान में रात्रि के समय एक गोल चकरे में कुछ कट्टो में भरे टोकन डालकर ड्रा निकाल दिया जबकि ड्रा खुले में लोगो की मौजूदगी में निकालना चाहिए लेकिन संचालको ने इस मामले में लीपापोती कर पुलिस और प्रशासन की आंखों में धूल झोंक दी।
21 जनवरी की रात्रि के समय सरवाड पुलिस ने वाहनों के साथ कूपन भी जप्त किए थे
विगत दिनाक 21 जनवरी की रात्रि के समय श्री छापरा वाले बालाजी के मंदिर में हंगामा हो जाने के बाद मौके पर पहुची सरवाड पुलिस ने ट्रेक्टर, कार, बाइक आदि के साथ ड्रा निकालने के चकरे एवम टोकन भी जप्त किए थे अतः एसे में यह सवाल उठता है कि सरवाड पुलिस द्वारा जप्त किए गए टोकन को सम्मिलित किए बिना संचालको द्वारा दो फरवरी की रात्रि को ड्रा कैसे निकाल दिया और जब कई टोकन सरवाड पुलिस की कस्टडी में है तो उनको सम्मिलित किए बिना ड्रा की कार्यवाही वैद्य कैसे हो सकती है। साथ ही यह भी सवाल उठते है कि इस उपहार योजना के संचालको द्वारा राज्यभर में लाखों टोकन बेचे थे लेकिन दो फरवरी की रात्रि के समय ड्रा के छोटे से चकरे में लगभग तीन से चार कट्टे जो कि टोकनो से आधे ही भरे हुए थे, डाले गए थे जबकि लाखो कूपन से तो काफी ढेर लग जाता है और लाखों कूपन ऐसे छोटे चकरे में कैसे आ जाएंगे। इन सभी पहलुओं की जांच होनी चाहिए।
संचालक दबोच लिए जाते तो शायद वे दुबारा षडयंत्र नही कर पाते
उपहार योजना के संचालको के खिलाफ़ सरवाड थाने में रिपोर्ट दर्ज होने के बाद सरवाड पुलिस एवम जिला पुलिस प्रशासन द्वारा यदि आरोपितों को समय रहते दबोच लिया जाता तो शायद दो फरवरी की रात्रि को संचालक ड्रा निकालने के नाम पर दुबारा षडयंत्र नही रच पाते।
रिपोट-शिवशंकर वैष्णव
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