इंदौर मध्य प्रदेश
भारतीय संस्कृति पर्यावरण के संरक्षण में वैज्ञानिक प्रौद्योगिकी का सूत्र प्रदान करती है….
भारतीय संस्कृति पर्यावरण-संरक्षण में महत्त्वपूर्ण तथा सकारात्मक भूमिका रखती है। मानव तथा प्रकृति के बीच अटूट रिश्ता कायम किया गया है। जो पूर्णतः वैज्ञानिक तथा संतुलित है। हमारे शास्त्रों में पेड़, पौधों, पुष्पों, पहाड़, झरने, पशु-पक्षियों, जंगली-जानवरों, नदियाँ, सरोवन, वन, मिट्टी, यहाँ तक कि पत्थर भी पूज्य हैं और उनके प्रति स्नेह तथा सम्मान की बात बतलायी गयी है। बुद्धिजीवियों का यह चिन्तन पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त रखने के लिये सार्थक तथा संरक्षण के लिये बहुमूल्य हैं।उक्त उदगार त्रिशला अपार्टमेंट परिसर, बियाबानी में विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य में मालवमंथन एवं पर्यावरण संरक्षण गतिविधि ,स्वामी विवेकानंद नगर, जिला रामेश्वरम, इंदौर के सयुक्त तत्वावधान में आयोजित पंचतत्व शुद्धि अग्निहोत्र में अतिथियों ने व्यक्त किए कार्यक्रम की जानकारी देते हुए पर्यावरणविद स्वप्निल व्यास ने बताया हमारे ऋषियों ने प्रकृति के पांचों तत्वों के पूजन का विधान बनाया था, उनके पीछे उनकी शुद्ध-विशुद्ध वैज्ञानिक सोच थी। वे जानते थे कि मनुष्य जिसके पीछे पूजनीय दृष्टिकोण रखता है, उसे वह सहजता क्षति नहीं पहुंचा सकता। जिस सरिता को मातृ स्वरूपा देवी मानेगा, उसे प्रदूषित नहीं करेगा अगर मनुष्य पर्यावरण सुधारना चाहते हैं तो मानसिक पर्यावरण के सुधार पर भी कार्य करना होगा उसी का अनुसरण करते हुए हमने यह पंचतत्व शुद्धि अग्निहोत्र का आयोजन विश्व पर्यावरण दिवस पर किया क्योंकि अग्निहोत्र के लाभों की सूची अनन्त है। वायुशुद्धि, मृदाशुद्धि,जलशुद्धि, आरोग्य, दीर्घायुष्य, वर्षा, जागृति, आत्मरक्षा, तेजस्विता, सद्विचार, सत्कर्म एवं संपूर्ण पर्यावरण शुद्धि की प्राप्ति अग्निहोत्र होती है। वहीं कार्यक्रम में अतिथि के रूप में अशुतोष जोशी, नंदलाल सोनी, भक्ति चंदेल,दीपाली शुक्ला, नरेश सिहानी थे अध्यक्षता गज्जू पाठक ने की एवं पर्यावरण संरक्षण की शपथ मनीष जोशी ने दिलाई अतिथि परिचय दिलीप जैन ने दिया एवं अग्निहोत्र विधी पंडित देवेंद्र पाठक ने संपन्न कराई कार्यक्रम का संचालन दिनेश जैन ने किया आभार स्वराज राठौर ने माना कार्यक्रम में आर.सी काकाणी,महेश गुप्ता, हिमांशु गोयल,राजेश नीमा,शैलेंद्र नीमा,सुनील नीमा सहित त्रिशला अपार्टमेंट रहवासी संघ उपस्थित रहा ! रिपोर्ट अनिल भंडारी
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