इंदौर मध्य प्रदेश
छटवाँ दिन “कल्याणक दिवस” महावीर भगवान का जीवन-चरित्र
आज का दिन बालक महावीर भगवान के पाठशाला जाने का होता है अतः सभी को विशेषकर विद्यार्थियों को लेखन सामग्री प्रभावना के रूप में वितरित की गयी। अहिंसा का संदेश देने वाली इंदौर क्षेत्र की प्रसिद्ध जैन पाठशाला तिलकेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में अनवरत चालू है जिसमें 5 से 11 वर्ष तक के लगभग 100 बच्चे धार्मिक शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। आज उसका वार्षिक पुरस्कार वितरण एवं सांस्कृतिक समारोह का आयोजन रात्रि 9 बजे होगा। पाठशाला का संचालन प्रफुल्ल कूकड़ा, दिव्या शाह, साधना कूकड़ा आदि कई वर्षों से सफलता पूर्वक कर रहे है।
मुनिराज द्वय श्री ऋषभरत्नविजयजी एवं एकाग्ररत्नविजयजी ने आज भगवान महावीर के सम्पूर्ण जीवन-चरित्र का विवेचन किया। आज छटवाँ दिन “कल्याणक दिवस” है जिसमें भगवान महावीर के सम्पूर्ण जीवन-चरित्र जन्म से लेकर निर्वाण तक के पाँच कल्याणक (च्यवन, जन्म, दीक्षा, केवल-ज्ञान एवं मोक्ष) बताये गये है। उनके तीन काल रहे हैं पुण्यकाल (जन्म से दीक्षा तक), पीड़ा काल (दीक्षा से केवल-ज्ञान) एवं परोपकार काल (केवल-ज्ञान से निर्वाण तक)। भगवान महावीर के दो मुख्य संदेश थे अहिंसा परमोंधर्म एवं जियो और जीने दो।
राजेश जैन, युवा ने जानकारी दी 16-सितंबर को तिलकेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर में संघ ने बहुत आनंद एवं उत्साह से जन्मवांचन कर भगवान महावीर का जन्म मनाया। विकास- शिल्पा भगवान के माता-पिता बने थे । इस अवसर पर दिलीप शाह ने पार्षद राजेश उदावत का स्वागत एवं बहुमान किया। नरेंद्र जैन, दिनेश जैन, प्रमोद मेहता, पदम शाह, सुरेश गांधी एवं अपार जन समूह उपस्थित था।
रिपोर्ट अनिल भंडारी
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