रायपुर
छत्तीसगढ़ अपनी विशिष्ट परंपराओं के लिये प्रसिद्ध है। राजधानी रायपुर से सिर्फ़ 20 किलोमीटर दूर आरंग तहसील के कुटेशर गाँव में पाँचवीं सदी का एक अनोखा मंदिर है। यह प्राचीन मंदिर दरअसल एक श्वान का मंदिर की समाधि है जो कुकुर देव के मंदिर के नाम से जाना जाता है।इसी मंदिर से लगा हुआ एक प्राचीन तालाब है जिसके जल की यह मान्यता है कि इसके फसल में छिड़काव से फसल में कीड़े नहीं लगते।
पुरातात्विक महत्व होने के बावजूद यह स्थल शासन प्रशासन या पुरातत्व विभाग के लिये महत्वहीन है क्योंकि यहाँ ऐसा न तो कोई विकास दिखता है और न ही कोई लेख या सूचना । शासकीय रखरखाव और विकास से यह पूरी तरह अछूता है।
इंडियन कौंसिल आफ प्रेस के छत्तीसगढ़ राज्य के अध्यक्ष और सदस्यों ने दिनांक 24 मई को ग्राम पंचायत और कुछ ग्रामीणों के साथ स्थल का दौरा किया था और इस स्थल के विकास हेतु ग्राम पंचायत की सहमति से प्रस्ताव बनाया था।
कौंसिल की छत्तीसगढ़ शाखा ने पंचायत के समन्वय इसके विकास का बीड़ा उठाने के साथ साथ इसके समीप एक ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिर का निर्माण कराने निर्णय लिया, और तत्काल पंचायत की सहमति से कार्य आरंभ करवा दिया।
कौंसिल के छत्तीसगढ़ राज्य के अध्यक्ष राजीव खरे ने बताया कि ऋण मुक्तेश्वर महादेव मंदिरों के संबंध में मान्यता है कि यहाँ पूजापाठ करने से मनुष्य को हर तरह के ऋणों से मुक्ति मिलती है।
कुटेशर पंचायत और ग्राम वासियों में इस प्रस्ताव से बहुत हर्ष है, और उन्होंने अपनी ओर से पूरा सहयोग व समर्थन देते हुए यह मंदिर निर्माण कार्य सावन के पूर्व पूरा करवाने का कौंसिल से अनुरोध किया है, ताकि वहाँ श्रद्धालु सावन मास में शिव पूजा का लाभ ले सकें। इस अवसर पर वहाँ कौंसिल के वर्तमान सह सचिव छत्तीसगढ़ धन सिंह बंजारे तथा राज्य कार्यकारिणी सदस्य देवेंद्र बंजारे, अनिल कुमार टंडन, सुनील कुमार श्रीवास्तव, चक्रवर्ती खुटे, ऐश्वर्य साहू भी उपस्थित थे।
( छत्तीसगढ़ ब्यूरो)
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