डिंडौरी मध्यप्रदेश
रिपोर्ट अखिलेश झारिया
शहपुरा : आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की परिकल्पना को साकार करने हेतु डिंडौरी जिले के शहपुरा तहसील के जिमरा निवासी एक कृषक गणेश प्रसाद चंदेल ने मुख्यमंत्री को एक पत्र लिखकर महत्वपूर्ण सुझाव दिए हैं। उन्होंने अपने पत्र में ग्राम पंचायत स्तर पर नर्सरी स्थापना, किसानों की आय वृद्धि, शिक्षा सुधार, रोजगार गारंटी योजना में संशोधन और जल संरक्षण को लेकर ठोस प्रस्ताव रखे हैं।
उन्होंने निम्नलिखित बिंदुओं पर ध्यान आकर्षित किया है:
ग्राम पंचायत स्तर पर निजी पौध नर्सरी: प्रत्येक ग्राम पंचायत में कृषकों द्वारा संचालित नर्सरी स्थापित की जाए, जिससे स्थानीय स्तर पर पौध उपलब्ध हो और रोजगार के अवसर बढ़ें। इससे पौधों की जीवित रहने की संभावना भी बढ़ेगी।
कृषकों की आय में वृद्धि: किसानों को वृक्षारोपण और उनकी कटाई की अनुमति सरल करने की आवश्यकता है। शीशम, सागौन और चंदन जैसे वृक्षों को बेचने की प्रक्रिया सुगम होनी चाहिए, जिससे किसान इस कार्य को व्यवसाय के रूप में अपना सकें। इससे अवैध कटाई पर भी रोक लगेगी।
शिक्षा में सुधार: सभी सरकारी अधिकारियों, कर्मचारियों और जनप्रतिनिधियों के बच्चों का शासकीय विद्यालयों में अनिवार्य रूप से दाखिला सुनिश्चित किया जाए। इससे सरकारी स्कूलों की गुणवत्ता में सुधार होगा और समान शिक्षा का मार्ग प्रशस्त होगा।
रोजगार गारंटी योजना में संशोधन: श्रमिकों को दैनिक भुगतान की बजाय कार्य आधारित पारिश्रमिक दिया जाए, जिससे श्रम के प्रति उनकी रुचि बढ़े और प्रदेश का विकास तेज हो।
जल संरक्षण एवं सिंचाई प्रबंधन: बड़ी नदियों के समीप स्टॉप डैमों का निर्माण किया जाए, जिससे उनमें बहने वाले गंदे नालों की सिल्ट जमा होकर नदियों को प्रदूषित होने से रोका जा सके। साथ ही, पंप हाउस बनाकर इस जल को सिंचाई के लिए उपयोग में लाया जाए।
गणेश प्रसाद ने इन सुझावों के माध्यम से आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की है। यदि इन पर अमल किया जाता है, तो प्रदेश के किसानों, मजदूरों और विद्यार्थियों को लाभ मिलेगा और मध्यप्रदेश की आर्थिक एवं सामाजिक स्थिति में बड़ा सुधार देखा जा सकेगा।
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