Policewala
Home Policewala आज है विश्व वानिकी दिवस – <br>छत्तीसगढ़ में होगी आरंभ ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’
Policewala

आज है विश्व वानिकी दिवस –
छत्तीसगढ़ में होगी आरंभ ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’

छत्तीसगढ़
रायपुर

हमारी धरती का एक तिहाई भूभाग वनों से आच्छादित है । ये वन क्षेत्र 80% से ज्यादा पशुओं की प्रजाति पौधों और कीटों के लिए एक घर है। लगभग 16 लाख लोग जिसमें लगभग 2000 सभ्यताएँ भी शामिल हैं , अपने जीवन के लिए वनों पर निर्भर हैं। वन क्षेत्र इन सभी को आश्रय, रोजगार और इनपर निर्भर रहने वाले समुदायों की सुरक्षा प्रदान करते हैं।

हर साल 21 मार्च को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विश्व वानिकी दिवस मनाया जाता है। पहली बार इस दिन को 1971 में मनाया गया था। विशेषज्ञों के अनुसार जंगल वस्तुत: एक ऐसा जीवित समुदाय होता है जिसमें विभिन्न प्रकार के जीव-जंतु, पेड़-पौधे, कीट-पतंगे एक-दूसरे पर निर्भर होकर अपना जीवन बिताते हैं।वानिकी के 3 महत्वपूर्ण तत्वों- सुरक्षा, उत्पादन और वन विहार के बारे में लोगों को जानकारियां देने के लिए उसी साल से 21 मार्च ‘विश्व वानिकी दिवस’ के रूप में चुना गया। इस दिन लोगों को पेड़ लगाने के लिए जागरूक किया जाता है। हर साल इस दिन की कोई न कोई थीम निर्धारित की जाती है। इस साल विश्व वानिकी दिवस की थीम ‘वन और स्वास्थ्य’ निर्धारित की गई है।

छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा आज 21 मार्च को विश्व वानिकी दिवस के अवसर पर विधानसभा में दोपहर 12 बजे छत्तीसगढ़ में वाणिज्यिक वृक्षारोपण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी ‘‘मुख्यमंत्री वृक्ष सम्पदा योजना’’ का शुभारंभ किया गया । मुख्यमंत्री राज्य में वृक्षों के व्यवसायिक उपयोग को बढ़ावा देने की अपार संभावनाओं को देखते हुए इस योजना को लागू किए जाने की घोषणा की। इस योजनांतर्गत कृषकों की आय बढ़ाने के उद्देश्य से कृषकों की सहमति पर उनके भूमि पर वाणिज्यिक वृक्षारोपण किया जाना है।इसके तहत 5 वर्षों में 1 लाख 80 हजार एकड़ में 
15 करोड़ वृक्षारोपण का लक्ष्य रखा गया है। इस योजनांतर्गत राज्य शासन द्वारा 5 एकड़ तक वृक्षारोपण हेतु 100 प्रतिशत अनुदान तथा 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में वृक्षारोपण हेतु 50 प्रतिशत वित्तीय अनुदान देगी। चिन्हित वृक्ष प्रजातियों की खरीदी हेतु न्यूनतम क्रय मूल्य का निर्धारण भी शासन द्वारा किया जाएगा। 5 वर्षाे में रोपित सभी प्रजातियो के वृक्ष परिपक्व होने पर उनका मूल्य 10 हजार करोड़ रुपये होने की सम्भावना है। इस योजना से किसानों को प्रति एकड़ प्रतिवर्ष 15 हजार से 50 हजार तक आय सम्भावित है। इसके अतिरिक्त कार्बन क्रेडिट के माध्यम से भी किसानों को अतिरिक्त आय होगी।
पिछले कुछ दशकों में जिस तरह से मनुष्य ने अपने लालच की पूर्ति के लिए जंगलों का वध करना शुरू किया है, उससे जलवायु परिवर्तन, ग्लोबल वॉर्मिंग, ग्लेशियर का पिघलना जैसी विकट समस्याएं शुरू हुई हैं। अगर हमने अभी भी ध्यान नहीं दिया तो समस्त प्रकृति व जीव खतरे में पड़ जाएंगे।किसी वयस्क व्यक्ति को जिंदा रहने के लिए जितनी ऑक्सीजन की जरूरत है, वह उसे 16 बड़े-बड़े पेड़ों से मिल सकती है। लेकिन पेड़ों की अंधाधुंध कटाई से उनकी संख्या दिनों दिन-ब-दिन कम होती जा रही है। वर्तमान समय में वायुमंडल से कार्बन डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड, सीएफसी जैसी जहरीली गैसों को सोखकर धरती पर रह रहे असंख्य जीवधारियों को प्राणवायु ‘ऑक्सीजन’ देने वाले जंगल आज खुद अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
इसीलिए आइये आज विश्व वानिकी दिवस के इस अवसर पर हम समझें और समझाएँ
पेड़ बचेंगे तो धरती बचेगी
जीवन बचेगा कल बचेगा
पेड़ से ही तो वर्षा होगी
नदी बचेगी जल बचेगा
जब खेतों में होगा अनाज
तब थालियों में भोजन होगा
जीवन में होगी हरियाली
जब धरती पर पेड़ बचेगा।
( राजीव खरे स्टेट ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़)

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Categories

Related Articles

इंदौर के धोबी घाट पर धोबी समाज के लोगों की हुई बैठक हिंदूवादी भी हुए शामिल

इंदौर मध्य प्रदेश इंदौर के महापौर द्वारा धोबी घाट पर क़र्बला कमेटी...

इंदौर में पहली बार श्री तिलकेश्वर पार्श्वनाथ प्रभु का 31 घंटे का अखंड जाप

इंदौर मध्य प्रदेश मुनिवर श्री ऋषभचंद्रसागर म. सा. की निश्रा एवं श्री...

जबलपुर को उसका अधिकार मिले…पुणे वायुसेवा तथा नियमित ट्रेन आरम्भ हो…

जबलपुर   आज जबलपुर संघर्ष समिति के प्रतिनिधि मंडल ने राज्यसभा सांसद...

बिना माचिस के हवन कुण्ड में आग लगाना, आग से खेलना के प्रायोगिक कार्यक्रम से किया अन्धविश्वास पर वार

फिरोजाबाद सिरसागंज:- विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश के अंतर्गत जिला विज्ञान...