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अन्य देशों से बेहतर है हमारे भारत देश की चिकित्सा व्यवस्था:- नीना जैन न्यूजर्सी अमेरिका

न्यू जर्सी अमेरिका “प्रिय दोस्तों, हमारे एक मित्र पिछले 2 महीनों से अमेरिका के सिएटल में हैं। भारत से आते समय, उनकी पत्नी को सांस की समस्या हो रही थी, जो कम होने की स्थिति में थी। उनकी इस स्थिति को देखते हुए वो पर्याप्त दवाएं अमेरिका ले गए। अमेरिका में, उन्होंने उसका सेवन किया, दवाओं का कोटा और वह लगभग ठीक हो गई। लेकिन उसकी दवाएं खत्म हो जाने के कारण, हमारे मित्र को अमेरिका में फॉल सीजन रहने के दौरान वहां बढ़ते पोलन काउंट के कारण संभावित श्वसन हमले का डर हो गया था, इसलिए उन्होंने अपनी बेटी से एक पल्मोनोलॉजिस्ट के साथ अपॉइंटमेंट तय करने का अनुरोध किया। उनकी बेटी को पहले जनरल फिजिशियन को देखने के लिए कहा गया था । उन्हें एक सप्ताह बाद का समय दिया गया और वह भी वीडियो कॉल पर। यहां अमेरीका में कोविड के बाद से डॉक्टर अधिकतर वीडियो कॉल पर हो उपल्ब्ध है। उन्होंने एक सप्ताह के बाद डॉक्टर से फोन पर लगभग 10 मिनट तक बात की और उन्हें उन दवाओं के बारे में बताया जो वो ले रहे हैं। डॉक्टर ने कहा कि वह समझ गए हैं और तदनुसार लिखेंगे। क्यूंकि अमेरिका में दवाएं बिना प्रिस्क्रिप्शन उपलब्ध नहीं हैं।दवाएँ दवा दुकानों से प्राप्त की जा सकती हैं। मेडिकल स्टोर से पूछने पर बताया गया कि दवाएँ आसानी से उपलब्ध नहीं हैं और 7/8 दिनों में उपलब्ध होंगी। उन्हें 10वें दिन दवाएँ मिलीं और गहन आश्चर्य तब हुआ जब देखा कि सिप्ला द्वारा ‘मेड इन इंडिया , लिखा था यानी बनाया था भारत’ में । उन्हें 21000/- रुपये खर्च करने पड़े, वह भी अमेरिका में चिकित्सा बीमा के कारण 50% छूट का लाभ उठाने के बाद। भारत में 2500/- रुपये की कीमत वाली वही दवाएं अमेरिका में 42000/- रुपये की थीं। उन्हें दवाएँ प्राप्त करने में 22 दिन लग गए, जो सामान्यतः भारत में तुरंत या आधे दिन में उपलब्ध हो जाती है। एक सप्ताह के बाद, उन्हें महज विडियो कॉल पर चिकित्सा परामर्श के लिए $283 (23000/- रुपये) का बिल मिला।

उपरोक्त अनुभव मैं अपने उन भारतीय मित्रों के लिए साझा कर रही हूं जो महसूस करते हैं कि हमारे देश में चिकित्सा सुविधाएं बहुत खराब हैं।
निश्चित तौर पर कुछ सुधार की जरूरत है चिकित्सा जगत में , परंतु dignosis के बाद दवा हासिल करना इतना मुश्किल नहीं ।
हम खुद को परफेक्ट न माने लेकिन हां जो हमारा अच्छा है उसे अच्छा मानें और जो हमारा वर्तमान में अच्छा नहीं है उसे अच्छा करने का प्रयास जरूर करें। हर क्षेत्र में हर देश की अपनी अलग व्यवस्था होती है, जो आर्थिक , और जनसंख्या के हिसाब से निर्धारित और संचालित की जाती है ।
हमारा देश वर्तमान में जनसंख्या में विश्व में द्वितीय है और कई तरह की घुसपैठिया जनसंख्या को सहन वहन करते हुए भी खुद को तेजी से विकास के पथ पर अग्रसर कर रहा है । आइए अपने देश की तरक्की पर गर्व करते हुए विकास में सहायक एक हाथ बनें ।
विज्ञान एवम् तकनीकी क्षेत्र में यूं भी भारत अग्रणी भूमिका निभा रहा है .
जय हिंद जय भारत 🇮🇳 रिपोर्ट अनिल भंडारी

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