वाराणसी
उत्तराखंड के बाद असम (असम) भी यूसीसी ( UCC) लागू करने जा रहा है। समान नागरी कानून (यूनिफार्म सिविल कोड) की दिशा में एक बड़ा क्रांतिकारी कदम उठाते हुए असम की हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्ववाली बीजेपी सरकार ने राज्य में मुस्लिम मैरिज एंड डाइवोर्स एक्ट 1935 रद्द कर दिया। इस 89 वर्ष पुराने कानून को समाप्त करना एक साहसिक पहल है। उत्तराखंड के बाद असम में भी यूसीसी लाने की दिशा में सरकार आगे बढ़ रही है। तो वही संस्कृति, अध्यात्म, पौराणिकता, संवैधानिक, लोकतांत्रिक व राजनैतिक दृष्टि से अतिमहत्वपूर्ण तथा जनसंख्या की दृष्टि से अंतराष्ट्रीय स्तर पर पांचवा स्थान रखने वाले देश के सबसे बड़े प्रान्त “उत्तर प्रदेश” में भी “कामन सिविल कोड” (U.C.C) लागू करने की मांग की गई। वाराणसी में अधिवक्ताओं द्वारा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर प्रदेश में यूसीसी लागू करने की मांग की गई। अधिवक्ता कमलेश चन्द्र त्रिपाठी के नेतृत्व में दर्जनों अधिवक्ताओं ने अपर जिला मजिस्ट्रेट (प्रशासन) वाराणसी बिपिन कुमार को मुख्यमंत्री के नाम पत्रक दिया गया।पत्रक देने के दौरान अधिवक्ता सजीवन यादव, कमलाकांत तिवारी, रविशंकर तिवारी, संजय सिंह तमाम अधिवक्ता मौजूद रहे।
रिपोर्ट-श्रीकांत उपाध्याय
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