रायपुर
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा महात्मा गाँधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय में सहायक प्राध्यापक के पदों में हुई अनियमितता एवं कुलपति द्वारा किए गए भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाया गया हस्ताक्षर अभियान
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा मंगलवार को महात्मा गाँधी उद्यानिकी विश्वविद्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार और सहायक प्राध्यापक के पदों की भर्ती प्रक्रिया में की गयी अनियमितताओं को लेकर कुलपति को बर्खास्त करने के लिए हस्ताक्षर अभियान चलाया गया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा प्रदेश के कृषि मंत्री श्री रामविचार नेताम से सहायक प्राध्यापक नियुक्ति में हुई गड़बड़ी के विषय में ज्ञापन भी सौंपा था। कृषि मंत्री के आदेश के बाद भी अभ्यर्थियों की बैक डेट पर जॉइनिंग करायी गयी।
अभाविप के कृषि आयाम कार्य संयोजक निखिल तिवारी ने कहा महात्मा गाँधी उद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय द्वारा सहायक प्राध्यापक के 36 पदों की भर्ती प्रक्रिया की में भारी अनियमितता की गयी है। सहायक प्राध्यापक के पदों लिए बनाये गया स्कोर कार्ड में भारी गड़बड़ी सामने आयी है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की गाइड लाइन के अनुसार पीएचडी एवं नेट की परीक्षा के लिए पृथक-पृथक अंक देना था, जो कि नहीं किया गया था। इस कारण बड़ी संख्या में पीएचडी उम्मीदवार उपलब्ध होते हुए भी गैर पीएचडी धारी अभ्यर्थियों का चयन एवं नियुक्ति की गई। सहायक प्राध्यापक की चयन समिति के गठन में भी दोषपूर्ण प्रक्रिया अपनाई गई। विवि की चयन समिति में कुलसचिव द्वारा साक्षात्कार के अंक दिए गए थे, परंतु कुछ अभ्यर्थियों के चयन में कुलसचिव को अंक देने से रोक दिया गया था। साथ में सहायक प्राध्यापक की नियुक्तियों को अनुमोदन देने वाले प्रबंध मंडल का गठन भी त्रुटिपूर्ण किया गया था। नामांकित व्यक्ति एवं विशेषज्ञ विश्वविद्यालय अधिनियम के अनुरूप नहीं थे। इससे छत्तीसगढ़ प्रदेश के पात्र एवं पीएचडी उपाधि प्राप्त अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में कम अंक देकर अन्य प्रदेश के उम्मीदवारों की नियुक्ति की गई थी।
अभाविप ने कहा की उद्यानिकी विवि के भ्रष्ट कुलपति को बर्खास्त किया जाए। साथ में यूनिवर्सिटी के मुखिया सहायक प्राध्यापक के अभ्यर्थियों को बैक डेट पर ज्वाइनिंग करवाने का प्रयास कर रहे है, जिसकी जांच की जाए। अभाविप ने राज्यपाल को ज्ञापन सौपा था। जिस पर तीन सदस्यीय जांच कमिटी का गठन किया गया है। विवि के कुलपति को बर्खास्त नहीं किया गया तो अभाविप चरणबद्ध आंदोलन करने के लिए बाध्य होगी।
विश्वविद्यालय प्रशासन शैक्षणिक व्यवस्था का निर्वहन करने में पूर्णतः असफल रही है। बीएससी उद्यानिकी के अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों की तृतीय वर्ष के परीक्षा परिणाम अभाविप के प्रदर्शन के बाद जारी किये गए। इतनी देरी से परीक्षा परिणाम जारी करने के वजह से चतुर्थ वर्ष के विद्यार्थियों का पुनर्मूल्यांकन का परिणाम अब तक जारी नहीं हुआ है, इस कारण विश्वविद्यालय के हजारो छात्रों का भविष्य अधर में लटक गया है। शिक्षा की गुणवत्ता भी निरंतर गिरते जा रही है।
अतिथि शिक्षक की भर्ती सूची में भी कुलपति द्वारा भारी गड़बड़ी की गयी है। ऐसे अभ्यर्थी जिसकी सिर्फ एमएससी हुई है उन्हें पीएचडी दिखाया गया है। और पीएचडी के अभ्यर्थियों का चयन नहीं किया गया है।
रिपोर्ट :मयंक श्रीवास्तव
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