Policewala
Home क्षेत्रीय खबर सरकार द्वारा जारी ” रास्ता खोलों अभियान ” से काश्तकारों को मिलेगी राहत व इंसाफ
क्षेत्रीय खबर

सरकार द्वारा जारी ” रास्ता खोलों अभियान ” से काश्तकारों को मिलेगी राहत व इंसाफ

सरवाड़/अजमेर

राज्य सरकार द्वारा जारी रास्ता खोलों अभियान ” से काश्तकारों को राहत व इंसाफ मिलेगा।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान प्रदेश में
अधिकांशतः काश्तकारों को गत कुछ वर्षों से अपने अपने खेतों ओर पुश्तैनी खेतों तक जाने व आने के लिए ” कदीमी ” ( पुरखों/ पूर्वजों/ पुरातन ) रास्तों को अड़ोस-पड़ोस के काश्तकारो द्वारा अपने अपने खेतों के चारों ओर सीमेंटेड खम्भे लगाकर तारबंदी कर पूर्णतया ” बंद ” कर दिया गया। जिससे अन्दर के भीतरी खेतों तक जाने व आने में भारी कठिनाई, परेशानी व असुविधा उत्पन्न हो गयी। यही नहीं, कदीमी रास्तों को ” बंद ” कर देने के कारण काश्तकारों को अपने अपने खेतों की हंकाई, जुताई व बुवाई करने से भी ” वंचित ” होने से आजीविका,
आमदनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने बतौर भारी आर्थिक नुकसान उठाना
पड़ रहा है।
स्मरणीय है कि राजस्व रिकार्ड में खेतों तक जाने व आने वाले कदीमी व सदीम के रास्तों का ” अंकन ” नहीं होने का फायदा उठाकर व मनमानी पूर्ण रवैया अपनाकर अनेकों काश्तकारों ने अपने अपने खेतों के चारों ओर सीमेंटेड खम्भे लगाकर तारबंदी कर कदीमी व सदीम के रास्तों को बंद कर दिया।
ज्ञातव्य है कि रबी व खरीफ़ की फसलों की बुवाई के पश्चात मानवीय दृष्टिकोण से भी काश्तकार कदीमी व सदीम के रास्तों के जरिए खेत व खेतों के मेड़ पर होकर/ सेरे पर होकर यानि खेत/ खेतों के किनारे किनारे पर होकर जातें – आते रहे हैं।
यह सभी काश्तकारों का मौलिक सुखाचार, सुखाधिकार, मौलिक अधिकार व मानवाधिकार भी है।
जबकि खेत का रास्ता व पानी का रास्ता कोई भी नहीं रोक सकता।
तथा ऐसा करना स्पष्ट रूप से सर्वथा अवैध, अनुचित, अमानवीय, अव्यवहारिक, ग़लत, तर्क असंगत ओर असंवैधानिक है।
उल्लेखनीय है कि राजस्व रिकार्ड में अधिकांशतः रिकार्डेड रास्ते अंकित नहीं है। तथा कदीमी व सदीम के रास्तों का राजस्व रिकार्ड में अंकन नहीं होने से इस स्थिति का कथित रूप से बेजा फायदा उठाकर अनेकों काश्तकारों ने अपने अपने खेतों के चारों ओर सीमेंटेड खम्भे लगाकर तारबंदी कर देकर दूसरे अन्य अड़ोस
-पडोस के खेतों के काश्तकारों को अपने अपने खेतों तक जाने व आने के कदीमी व सदीम के रास्तों से वंचित कर दिया। इसके परिणाम स्वरूप विवाद, लड़ाई झगडे, आदि को निरंतर बढ़ावा मिलने से प्रदेश की सरकार ने काश्तकारों के व्यापक जनहित व हितों को दृष्टिगत रखते हुए दिनांक – 10 .08.2016, दिनांक – 30.09.2021ओर हाल ही में अभी दिनांक – 04 अप्रैल 2025
को पृथक पृथक लिखित आदेश जारी किए। लेकिन सभी स्थानों पर स्थानीय राजस्व विभाग प्रशासन द्वारा गंभीरता से नहीं लेने के कारण उक्त सरकारी ” आदेशों” की प्रभावी व कारगर तरीके से क्रियान्विति नहीं हो रही। तथा उक्त आदेशों के तहत् काश्तकारों को व्यापक रूप से लाभ व फायदा नहीं हो रहा है।
राजस्थान सरकार के द्वारा प्रति माह आयोजित होने वाले पंचायत स्तरीय, उपखंड स्तरीय व जिला स्तरीय जनसुनवाई कार्यक्रम में काश्तकारों द्वारा ” खेतों तक जाने व आने वाले ”
बंद किये गये कदीमी व सदीम के रास्तों को खुलवाने के लिए बार-बार लिखित प्रार्थना पत्र,परिवाद देने के बावजूद व सरकार के 181 पोर्टल पर दर्ज करने के उपरांत भी राजस्व विभाग प्रशासन व सम्बंधित प्रशासनिक अधिकारी महोदय द्वारा
उक्त ” व्यापक जनहित ” सम्बंधित मैटर में गंभीरता व गहनता नहीं दिखाई जा रही। मात्र खाना पूर्ति कर
जन सुनवाई में प्राप्त परिवादों को ठंडे बस्तों में डाल रखा है। ओर जनसुनवाई में उपस्थित इन्हीं सरकारी नुमाइंदों व अधिकारियों द्वारा ” उपखंड अधिकारी न्यायालय”
में रास्ता लेने के लिए ” वाद करने/ दावा करने” की सलाह देकर अपना अपना ” पल्लू झाड़” रहे हैं। जबकि उक्त सरकारी आदेशों के अंतर्गत
काश्तकारों को अपने अपने खेतों तक जाने व आने के लिए बंद किए गए कदीमी व सदीम के रास्ते/ रास्तों
को मौके पर भौतिक रूप से खुलवा कर सम्बंधित राजस्व रिकार्ड में अंकन किया जाकर राहत देकर न्याय/ इंसाफ दिया जाना व्यापक जनहित में अति आवश्यक है।
उल्लेखनीय है कि उपखंड अधिकारी न्यायालयो में खेतों तक जाने व आने के लिए रास्ते लेने के लिए अनेक वाद लम्बित है, तथा ऐसे वाद दिनों दिन बढ़ रहें। जिससे काश्तकारों को अपने खेतों में फसलें बुवाई से वंचित
रहने सहित अतिरिक्त समय, श्रम व धन खर्च करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
उक्त जनहित सम्बंधित मैटर में सारांश यही है कि सरकार द्वारा समय-समय पर जारी ” रास्ता खोलों अभियान ” सम्बंधित लिखित आदेशों को अमली जामा पहनाकर धरातलीय स्तर पर भौतिक रूप से क्रियान्विति करना पीड़ित काश्तकारों के लिए व्यापक रूप से हितकर व श्रेयस्कर होगा।
यहां यह भी उल्लेखनीय है कि कदीमी व सदीम के रास्ते/ रास्तों को बंद करने वाले कथित दबंगईयो व प्रभावशाली लोगों द्वारा पीड़ित काश्तकारों को कथित रूप से महिलाओं द्वारा झूंठे मुकदमे लगवाने
व SC- ST मुकदमों, आदि आदि झूंठे मुकदमों में फंसाने की भी धमकियां देने के मामले चर्चा में हैं।
इसलिए सरकारी उच्च प्रशासन व स्थानीय उपखंड प्रशासन, राजस्व विभाग प्रशासन मय पुलिस विभाग प्रशासन के द्वारा सामूहिक रूप से
” रास्ता खोलों अभियान ” की व्यापक जनहित में क्रियान्विति हेतू
शीघ्र क़दम उठाकर गंभीरता व गहनता से भौतिक रूप से प्रभावी व कारगर कार्यवाही करना अपेक्षित है, तभी सरकार की ” मंशा ” के अनुसार व अनुरूप ” रास्ता खोलों अभियान ” की धरातल स्तर पर भौतिक रूप से क्रियान्विति होगी और पीड़ित काश्तकारों को राहत दर
राहत मिल सकेगी।

रिपोट-शिवशंकर वैष्णव

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Recent Posts

Categories

Related Articles

सीमेंट कैप्सूल गाड़ी की मोटरसाइकिल के सामने की टक्कर से दो की मौत एक घायल

मंडला नारायणगंज जनपद पंचायत नारायणगंज के अंतर्गत ग्राम पंचायत भावल के पास...

सावन सिंह बने मानव अधिकार आयोग के”आयोग मित्र”

मण्डला। मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग द्वारा मण्डला जिले के लिए सावन...

थाना उमरियापान पुलिस को *विशेष अभियान* के तहत मिली सफलता अपहृत बालिकाओ को किया दस्तयाब

दिनांक 09.05.2025 घटना का संक्षिप्त विवरणः-पुलिस अधीक्षक महोदय जिला कटनी द्वारा चलाये...