मण्डला
मण्डला एजुकेशन और ट्रायवल 2019 में अतिवृष्टि मद की राशि 2020-21 में शालाओ को प्रदाय की जाकर शाला भवनों का कार्य कराया गया था, तब कराये गये इस मरम्मत कार्य का उसी वर्ष समय पर मूल्यांकन क्यों नहीं कराया गया?
और अब 2 वर्ष बीत जाने के बाद अब 2023 में उस कार्य का मूल्यांकन करवा कर उपयंत्री और एसडीओ सर्व शिक्षा अभियान द्वारा अनाधिकृत लाभ की चेष्टा में शिक्षकों को भयभीत किया जा रहा है। बात नहीं बनने पर रिकवरी निकाली जा रही है।
क्या विभागीय अधिकारियों को ये नहीं मालूम कि जब हर वर्ष बरसात के पूर्व मेंटिनेंस किया जाने का प्रावधान है और इसके लिये राशि भी शासन से मिलती है तब दो वर्ष पूर्व किये गये मेंटेनेंस के कार्यों में खर्च की गई राशि का अब मूल्यांकन क्यों? क्या दो वर्ष पूर्व किये गये कार्य सलामत मिल सकते हैं?
यही हाल परिसंपत्ति मद से होने वाले कार्यो की है। शिक्षकों को उपयंत्री/ सहायक यंत्री द्वारा परेशान किया जा रहा है। संबंधित शालाओ को एम.बी. नहीं दी जाती और ना दिखाई जाती है। ऐसा क्यों?
जानकारी है कि शिक्षा विभाग का एक अधिकारी लंबे समय से जिले में अंगद की तरह पैर जमाये बैठा है जो विभागीय भृष्टो से लेनदेन और सांठगांठ कर मलाई दार कार्यों का जिम्मा लेते हुये भृष्ट कार्यों को अंजाम देते हुये कई करोड़ों का आसामी बन गया है।
रिपोर्टर :- फिरदौस खान
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