डिंडौरी मध्यप्रदेश
डिंडौरी (शहपुरा): मुख्यमंत्री जनकल्याण संबल योजना के तहत चार दिसंबर को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 10,236 श्रमिक परिवारों के खातों में 225 करोड़ रुपये सिंगल क्लिक के माध्यम से ट्रांसफर किए थे। मुख्यमंत्री ने इसे श्रमिक परिवारों के लिए संबल और सहारा बताया था। लेकिन डिंडौरी जिले के शहपुरा जनपद के हितग्राही अभी तक इस राहत राशि से वंचित हैं।
शहपुरा के कई हितग्राहियों ने आरोप लगाया है कि जनपद कार्यालय के बाबू और अधिकारी उनके खातों में पैसा डालने के बदले कमीशन की मांग कर रहे हैं। यह मामला गरीब और जरूरतमंद श्रमिकों के लिए बड़ी समस्या बनता जा रहा है।
CM ने क्या कहा था?
मुख्यमंत्री ने राशि ट्रांसफर करते समय कहा था कि संबल योजना आपातकालीन परिस्थितियों में श्रमिक परिवारों के लिए सहारा है। उन्होंने इसे राज्य सरकार की संवेदनशीलता और पीड़ित परिवारों के लिए एक समर्थन बताया था।
लेकिन असलियत में क्या हो रहा है?
डिंडौरी जिले के शहपुरा में इन श्रमिक परिवारों तक अब तक पैसा नहीं पहुंचा है। इससे इन परिवारों में निराशा और गुस्सा है। हितग्राही दावा कर रहे हैं कि योजना के पैसे उनके खातों में जमा होने से पहले ही बाबू कमीशन मांग रहे हैं।
क्या हो सकती है कार्रवाई?
जनपद में अधिकारियों की इस तरह की मांग न केवल भ्रष्टाचार को उजागर करती है, बल्कि सरकार की योजनाओं पर भी सवाल खड़ा करती है। हितग्राही इस मामले में उच्च अधिकारियों और सरकार से त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं ताकि उन्हें उनका हक बिना किसी रुकावट के मिल सके।
सरकार द्वारा गरीब और श्रमिक वर्ग को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से चलाई गई यह योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती दिख रही है। अब देखना होगा कि सरकार और प्रशासन इस पर क्या कदम उठाते हैं।
रिपोर्ट-अखिलेश झारिया
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