ब्यूरो चीफ पन्ना मध्यप्रदेश
आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में भारी अनियमितताएं एवं भ्रष्टाचार
पन्ना से लगभग 20 किलोमीटर दूर सारंग मंदिर की पहाड़ी के पीछे आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत मकरी कुठार की अगर बात करें तो यहां पर इतनी अनियमितताएं हैं जो देखकर वास्तविक लगता है कि शासकीय अमला रोड से लगी हुई ग्राम पंचायतों में विकास व सुधार हो रहा हूं परंतु जो दूरस्थ ग्राम है उनमें इतनी अनियमितताएं व्यवस्थाएं है कि पूरे अमले की पोल खोलती ग्रामपंचायत मकरी कुठार,पंचायत द्वारा किए गए कार्य , आदिवासी टोला में किए गए कार्य आज भी अधूरी पड़े हुए हैं जिनकी राशियां निकल चुकी हैं और वह कार्य आज तक पूर्ण नहीं हुए चाहे वह तालाब गहरीकरण का कार्य हो नाली निर्माण का कार्य हो स्कूल की बाउंड्री का कार्य आज भी अधूरा पड़ा है चाहे वह स्कूल में लगे पानी के बोर बंद पड़े ऐसी स्थिति में ग्रामवासी किस प्रकार से जीवन यापन कर रहे हैं उनको देखने के लिए आज तक उच्च अधिकारियों का जाना ही नहीं हुआ कब सुधरेगी इन की दिशा और दशा,
मध्यान भोजन, यहां पर स्कूलों एवं आंगनवाड़ी में कृष्णा स्व सहायता समूह के माध्यम से ही मध्यान भोजन व्यवस्थाएं संचालित की गई है परंतु अव्यवस्थाओं के दौर में प्राथमिक शाला कुंजी टोला मैं बच्चों के भोजन के साथ किया जा रहा खिलवाड़ समूह द्वारा रसोईया को नहीं दिया गया आटा जिससे बच्चों को 3 से 4 दिन तक चावल और दाल खाकर अपना पेट भरना पड़ा और सुचारू रूप से शिक्षा ग्रहण करनी पड़ी जबकि शासन द्वारा भारी-भरकम बजट पर सहायता समूहों को दिया जाता है कि मीनू के अनुसार बच्चों को भोजन प्राप्त हो और बच्चे स्कूल की ओर रुझान करें परंतु यहां के स्व सहायता समूह की लापरवाही तानाशाही के चलते बच्चों के भोजन के साथ किया जा रहा।
आंगनबाड़ी में नहीं पहुंचती कार्यकर्ता सहायका के भरोसे चल रही आंगनवाड़ी मध्यान भोजन के लिए भी दूरस्थ स्थानों से पानी लाकर भोजन की व्यवस्था बनाई जाती है उसके बाद थालियां धोने की व्यवस्था भी बहुत दूर से पानी लाकर बनाई जाती है जबकि स्कूल में ही बोर लगे हुए हैं परंतु वह शोपीस बने नल जल योजना के अंतर्गत पीएचई विभाग का बड़ा भ्रष्टाचार बूंद बूंद पानी को तरस रहे स्कूल और आंगनबाड़ियों मैं पहुंचने वाली बच्चे कब सुधरेगी ग्राम पंचायत की व्यवस्थाएं स्कूलों में शिक्षकों का ना पहुंचना कैसे होगा आदिवासी बच्चों का उत्थान कैसे ग्रहण कर पाएंगे वह शिक्षा यह प्राथमिक शाला गौड़न टोला स्कूल की व्यवस्थाएं कब सुधरेगी,
खंडहर बने बाथरूम
शासकीय प्राथमिक शाला मैं स्कूल के साथ-साथ आंगनवाड़ी केंद्र भी संचालित है परंतु यहां कि जो बाउंड्री वाल आज भी अधूरी पड़ी हुई है लेट बाथरूम खंडहरों में तब्दील हो चुके हैं खुले मैदान में अपनी व्यवस्था बनाते बच्चे ग्राम पंचायत में जगह-जगह सड़कें पड़ी उखड़ी नालिया ना होने से ग्रामवासी विभिन्न बीमारियों से होते परेशान नर किए जीवन जीने को मजबूर है ग्रामवासी।
शासन द्वारा सभी ग्राम पंचायतों के लिए भरपूर बजट उपलब्ध कराया जाता है परंतु यहां की स्थितियां वैसी ही है जैसे पहले थी बजट निकालकर बंदरबांट होना और आज भी आधे अधूरे पड़े कार्य गुणवत्ता विहीन कार्यों का आज तक किसी उच्च अधिकारी ने पहुंचकर जायजा नहीं लिया चाहे वह तालाब हो चाहे वह स्कूल को चाहे वह ग्राम पंचायत द्वारा कराए गए कार्य को चाहे वह पानी की समस्या हो चाहे वह पहुंच मार्ग की समस्या हो इतनी समस्याएं होने के बावजूद भी वहां के ग्रामवासी किस प्रकार जीवन यापन कर रहे होंगे यह तो इस चिट्ठी के के माध्यम से जिले में बैठे उच्च अधिकारियों का ध्यानाकर्षण किया गया है के ग्राम पंचायत मकरी कुठार की व्यवस्थाएं कब सुधरेगी या यूं ही आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में इसी प्रकार से जीवन जीने के लिए मजबूर रहेगी ग्राम पंचायत की जनता बच्चों के साथ होता रहेगा सौतेला व्यवहार इसी प्रकार पंचायत का पैसा निकालकर होता रहेगा बंदरबांट आगे यह देखना है कि कब होगी इस ग्राम पंचायत की जांच कम पहुंचेंगे उच्च अधिकारी कब मिलेगी जनता को राहत कब जनता अपने दुख प्रकट कर पाएगी।
रिपोर्ट
आसिफ खान

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