इंदौर मध्य प्रदेश
माता पिता और किशोरी बालिकाओं के मध्य संवाद बेहद जरूरी
बच्चियां डर के कारण अपनी बाते माता पिता को नहीं बताती और अनजाने में गलत कदम उठाकर शोषण का शिकार हो जाती हैं
जिला कार्यक्रम अधिकारी रामनिवास बुधौलिया के मार्गदर्शन में वन स्टॉप सेंटर इंदौर प्रभावी कार्य कर रहा है। इसी क्रम में दिनांक 18 अप्रैल 2025 को एक 16 वर्षीय बालिका बुढार शहडोल जिले से भटकते हुए इंदौर पहुंच गई थी। इंदौर रेलवे स्टेशन में बाहर निकल कर इधर उधर देख रही थी। एक अंजाना शहर ,अंजाना सा डर। सहमी हुई बालिका स्टेशन के बाहर एक ऑटो चालक के पास गई और उसको बोली कि मुझे कहीं काम दिलवा दो। मैं इंदौर में पहली बार आई हूं।इंदौर में एक ऑटो चालक की जागरूकता और समझदारी से बालिका वन स्टॉप सेंटर, इंदौर में पहुंची ।प्रशासक डॉक्टर वंचना सिंह परिहार ने बालिका से बात करी, पहले तो बालिका अपने बारे में सही जानकारी नहीं दे रहे थी, प्रशासक द्वारा बालिका को पहले खाना पीना आदि की बात करके विश्वास पैदा किया गया उसके बाद बालिका थोड़ा कंफर्टेबल हुई और फिर बालिका ने अपने घर और परिवार वाले के नाम और पता बताया। प्रशासक द्वारा तत्काल शहडोल में सहायक संचालक संगीता मैडम को सूचित किया गया जिससे बालिका के परिजन एवं थाना अमलाई तक सूचना पहुंची। बालिका की गुमशुदगी अमलाई थाने में दर्ज थी, परिवार जन काफी परेशान और बालिका को ढूंढ रहे थे।बालिका के परिजनों से प्रशासक ने बात की और सबको निश्चिंत रहने की सलाह दी । पहले बालिका अपने माता पिता के साथ जाने से मना कर रही थी, बालिका को परामर्श दिया गया समझाया गया तब बालिका अपने माता पिता के साथ जाने को तैयार हुई।और आज दिनांक 19 अप्रैल 25 को बालिका के परिजन और अमलाई थाना पुलिस स्टाफ इंदौर पहुंची। सबकी संयुक्त परामर्श सत्र के पश्चात बालिका को उसके परिजन के सुपुर्द किया गया। वन स्टॉप सेंटर इंदौर और शहडोल के संयुक्त प्रयासों से आज एक बालिका सकुशल अपने परिवार के साथ चली गई।
रिपोर्ट-अनिल भंडारी
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