बालाघाट मध्यप्रदेश
हजारों महिलाओं का नहीं हो सका पंजीयन, सरपंच संघ ने की मांग
बालाघाट -मध्यप्रदेश सरकार की महत्वकांक्षी योजना लाडली बहना योजना के पंजीयन का कार्य प्रदेश सहित जिले में 25 मार्च से प्रारंभ हो गया था। जिसकी अंतिम तिथि 30 अप्रैल नियत की गई थी। एक जानकारी के अनुसार 30 अप्रैल की रात में पोर्टल बंद हो जायेगा, जबकि एक मई से पंजीकृत महिलाओं के पंजीयन को लेकर आपत्ति मंगाई जायेगी। जिसकी अवधि 15 मई तक है, तत्पश्चात आपत्ति निराकरण के लिए नियत तिथि 30 मई तक है। जिसके बाद 31 मई को सभी पात्र महिलाओं की सूची जारी कर दी जायेगी। जिसके बाद सरकार वास्तविक पंजीकृत महिलाओ के खाते मंे 10 जून को लाडली बहना योजना की प्रथम राशि एक हजार रूपये उनके खाते में भेजेगी। जो प्रतिमाह मिलेगी। जिसको लेकर पूरे प्रदेश सहित जिले में बड़ी संख्या में महिलाओ ने इसका पंजीयन कराया। जिसमें प्रशासन का हर अमला जुटा रहा। खासकर पंचायतो मंे सरपंचो ने पंचायत की महिलाओं को इस योजना से लाभांवित करने के लिए हरसंभव प्रयास किया। मुख्यालय से लगी ग्राम पंचायत गर्रा में तो लाडली बहना पंजीयन की पूरी अवधि के दौरान महिलाओं और उनके साथ आने वाले परिजनों के लिए खासी व्यवस्था की गई थी। लेकिन आज भी ना केवल ग्राम पंचायत गर्रा बल्कि जिले की संपूर्ण पंचायतों में हजारों महिलाओं का पंजीयन नहीं हो सका है। जिसको लेकर सरपंच संघ जिलाध्यक्ष वैभवसिंह बिसेन ने मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान से लाडली बहनों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने वाली इस योजना की पंजीयन अवधि को बढ़ाये जाने की मांग की है।
जिला सरपंच संघ अध्यक्ष एवं गर्रा पंचायत सरपंच वैभवसिंह बिसेन ने बताया कि लाडली बहना योजना में जिले की हजारों महिलाओं का पंजीयन नहीं हो सका है, जिसका मुख्य कारण पंजीयन अवधि के दौरान अधिकांश समय पोर्टल समस्या, महिलाओं के आधार कार्ड में मोबाईल नंबर का ना होना, समग्र आईडी कार्ड और बैंक डीबीटी के कारण महिलाओं को परेशान होना पड़ा और महिलायें समय पर अपना पंजीयन नहीं करा सकी। जिसके कारण आज भी जिले की हजारों महिलाओं का इस योजना में पंजीयन नहीं हो पाया। जिससे ऐसी महिलायें, लाडली बहना योजना के लाभ से वंचित महसुस कर रही है। जिसे देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, प्रदेश सहित जिले की बहनांे के लिए इस योजना की पंजीयन अवधि को एक माह अर्थात 30 मई तक बढ़ाई जायें, ताकि संपूर्ण महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।
उन्होंने कहा कि योजना के तहत महिलाओं के पंजीयन नहीं होने का एक और कारण है, चूंकि जिले से बड़ी संख्या मंे मजदूर पलायन कर महानगरों की ओर चले जाते है। जिनके साथ उनके परिवार की महिलायें भी मौजूद होती है। यही नहीं बल्कि अप्रैल से प्रारंभ होने वाले मनरेगा कार्यो में भी महिला मजदूरों के लगे होने से वह समय पर पंजीयन नहीं करा सकी है। जिससे ऐसी महिलायें लाभ से वंचित हो गई है। उन्होंने बताया कि बालाघाट विधानसभा के लालबर्रा जनपद पंचायत अंतर्गत आने वाली 77 पंचायतो में ही लगभग 4 हजार से ज्यादा महिलायें है, जिनका पंजीयन, लाडली बहना योजना में नहीं हो सका है, एक अनुमान के अनुसार संपूर्ण जिले में यह आंकड़ा लगभग 28 हजार तक है। ऐसी स्थिति में प्रदेश की 23 हजार 12 पंचायतो में स्थिति लाखों में हो सकती है। जिसके लिए पंजीयन अवधि को बढ़ाया जाना नितांत अनिवार्य है, ताकि हर पात्र महिलाओं को इसका लाभ मिल सके।
रिपोर्ट-रितेश सोनी
Leave a comment