हनुमान टोरिया पर चल रही राम कथा में हुआ राम जन्म
हनुमान टोरिया पर साप्ताहिक रामकथा के तृतीय दिवस राम जन्म के प्रसंग का वर्णन श्री रामह्दय दास जी महाराज ने किया। रामकथा की जानकारी देते हनुमान टोरिया परिवार के मनोज सोनी एवं मनीष वर्मा ने बताया कि रामायण कुटी चित्रकूट से पधारे श्री श्री 108 स्वामी श्री रामह्रदय दास जी महाराज ने कहा कामनाओं का मुख राक्षसी सुरसा की भांती है, भगवान की प्राप्ति की कामना निष्काम है। पराजित जीवन कभी सुखी नहीं रहता, संसार में रहकर जब-जब पराजय की अनुभूति होती है, तो कहीं ना कहीं हम अस्थिरता को प्राप्त होते हैं। भगवान का स्मरण करने वाला हमेशा सुख पूर्वक रहता है। बुद्धि वही है जिसमें विवेक है, जैसे रावण बुद्धिमान है, विद्वान है, वहीं हनुमान जी महाराज बुद्धिमान के साथ विद्यावान है, जिसने परमेश्वर को पति माना वह संत है और जो पति को ही परमेश्वर मानती हैं उसे सती कहते हैं। राम जन्म की कथा का वर्णन करते हुए महाराज जी ने कहा राम के अवतार के पहले शिव, ब्रह्मा सहित सहित देवगण धरती पर अवतरित हुये। शिव जी हनुमान जी के रूप में अवतरित हुये, और चैत्र महीने, शुक्ल पक्ष, नौवीं तिथि, अभिजीत नक्षत्र में मध्यांह 12 बजे भगवान राम प्रकट हुये। फिर बधाई गीत गाये गये। टाॅफी, खिलौने, प्रसाद वितरण के साथ कथा का विराम हुआ। हनुमान टोरिया रावतन ट्रस्ट, हनुमान टोरिया परिवार एवं शिष्य मण्डल ने नगरवासियों से राम कथा में शामिल होकर पुण्य लाभ प्राप्त करने का आग्रह किया है।🙏🙏
ज़िला ब्यूरो
केतन अवस्थी।
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