इंदौर में निकला वरघोड़ा
इंदौर मध्य प्रदेश मुनिराज श्री शौर्यरत्नविजयजी म.सा.के 36 वें व उनकी सांसारिक माताजी को मासक्षमन के 30 वें उपवास के पारणे के अवसर पर 3-अगस्त-गुरुवार को उनका वरघोड़ा चतुर्विद संघ के साथ श्री तिलकेश्वर पार्श्वनाथ मंदिर से प्रातः 8 बजे प्रारंभ हुआ। वरघोड़े में मासक्षमन, सिद्धि तप एवं बीस विहरमान के तपस्वी अलग-अलग बग्गी में विराजमान थे। आचार्य भगवंत श्रीमद् विजय पद्मभूषणरत्नसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा, सा. श्री विजयप्रभाश्री जी म.सा.आदि ठाणा एवं सा. श्री भक्तिरेखाश्री जी म.सा.आदि ठाणा एवं रेस कोर्स रोड जीनालय से पधारे साधु-साध्वी वरघोड़े की शोभा बड़ा रहे थे। वरघोड़े में अपार जन समूह उमड़ा जो उमंग और उल्लास के साथ नाचते गाते चल रहे थे। जैन समाज के श्रावक मुनिराज की डोली अपने कंधों पर उठाने में बहुत गर्व का अनुभव कर रहे थे। वरघोड़ा तिलक नगर के विभिन्न मार्गों से होता हुआ पारणे के लाभार्थी कमल किशोर – चंद्ररेखा जैन के निवास 59,महावीर नगर पर पूर्ण हुआ जहाँ धर्मसभा में दिलीप शाह चातुर्मास समिति के अध्यक्ष, राजेश जैन युवा, गोलू कोठारी, विवेक भंडारी एवं मोंटू भाई सूरत ने तपस्वियों के सम्मान में अपने विचार व्यक्त किये। श्रीमद् विजय पद्मभूषणरत्नसूरीश्वरजी म.सा ने मांगलिक श्रवण करवायी एवं श्री शौर्यरत्नविजयजी म.सा.को देवलोकवासी परम पूज्य आचार्य श्रीमद विजय वीररत्नसूरीश्वरजी म.सा. की अंतिम कामली एवं सुरिमंत्र माला प्रदान की। अंत में मुनिराज श्री ऋषभ रत्नविजयजी ने दोनों तपस्वियों के बहुमान में प्रवचन दिया और श्री संघ की नवकारसी हुई
रिपोर्ट अनिल भंडारी
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