छत्तीसगढ़
रायपुर
ब्रिटेन में ग्रूमिंग गैंग्स उन लोगों के ग्रुप्स हैं जो बच्चों का शारीरिक, मानसिक और यौन शोषण करते हैं। इनमें ज्यादातर कम उम्र की लड़कियां होती हैं जिनको ये अपनी बातों में फंसा कर उन्हें दोस्त होने का विश्वास दिलाते हैं । और जब ये बच्चे उन पर विश्वास करने लगते हैं तो उन पर डरा-धमका कर दबाव बनाकर अपने काबू में कर लेते हैं और उनका फायदा उठाते हैं।हजारों लड़कियों का साजिश के तहत इन गैंग्स ने प्रेम के जाल में फंसाकर उनका शोषण किया है।
ब्रिटेन के थिंक टैंक क्विलियम फाउंडेशन ने भी 2017 में इसी संबंध में एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें बताया गया था कि ग्रूमिंग गैंग के 84% अपराधी एशियाई मूल के थे एवं इसमें ज्यादातर सदस्य पाकिस्तानी मूल के ब्रिटिश नागरिक थे। ब्रिटिश गृहमंत्री सुएला ब्रेवरमैन भी ग्रूमिंग गैंग पर गंभीर इल्जाम लगा चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की गैंग्स में शामिल सभी पुरुष ब्रिटिश पाकिस्तानी हैं। ये जानबूझकर छोटी लड़कियों को अपने प्रेम के जाल में फंसाते हैं और फिर डरा-धमका कर उनका शोषण करते हैं। एक अन्य NGO चिल्ड्रंस सोसाइटी ने भी ‘ओल्ड इनफ टु नो बेटर’ नाम से एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसमें 16-17 साल की करीब 50,000 लड़कियों के ग्रूमिंग गैंग्स के द्वारा शोषण का उल्लेख था । इनमें से सिर्फ़ 5,000 लड़कियों ने ही पुलिस में इसकी शिकायत की।वेस्ट यॉर्कशायर में इन गैंग्स पर केस दर्ज हुआ और 20 आरोपियों को सजा भी मिली।
इन्हीं में से एक हडर्सफ़ील्ड ग्रूमिंग गैंग उन पुरुषों का एक समूह था, जिन्हें हडर्सफ़ील्ड, वेस्ट यॉर्कशायर, यूनाइटेड किंगडम में लड़कियों के खिलाफ यौन अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था। यह यूनाइटेड किंगडम में यौन शोषण के लिए दोषी ठहराया गया अब तक का सबसे बड़ा गिरोह है।
इस केस के बाद यह पता चला कि ग्रूमिंग गैंग्स छोटी और कमजोर लड़कियों को ही आमतौर पर अपना शिकार बनाते हैं। वे ऐसी लड़कियों को टारगेट करते हैं जो अकेली हों, जिन्हें स्कूल में बुली किया जाता हो और जो मानसिक रूप से कमजोर हों। ऐसी लड़कियों को जाल में फंसाना आसान होता है, वे इन्हें गिफ्ट्स देकर बहलाते हैं और स्पेशल महसूस कराकर उनसे रिश्ता कायम करते हैं। वे इन लड़कियों को ये विश्वास दिलाते हैं कि वे उनसे प्यार करते हैं, उनकी चिंता करते हैं। जब ये लड़कियां उन पर विश्वास करने लगतीं हैं तो ये धीरे-धीरे उन्हें अपने शोषण के जाल में फंसाते हैं।जब तक ये लड़कियाँ ये समझ पातीं हैं कि उनका शोषण हो रहा है तब तक बहुत देर हो चुकी होती है।
ये लड़कियां कई बार तो ये समझ ही नहीं पाती हैं कि उनका शोषण हुआ या हो रहा है।एक लड़की ने बताया कि, ‘जब हम छोटे होते हैं और हमें स्कूल में बुली किया जाता है, कोई आपको जरा सा भी अटेंशन दे तो वो आपको अच्छा लगने लगता है। कोई आपकी मदद करे या आपको कोई तोहफा दे, हम सभी को ये सब अच्छा लगता है, पर जैसे जैसे हम उनके साथ रिश्ते में आगे जाते हैं हम उनके चंगुल से कभी बाहर नहीं निकल पाते।’
कुछ लड़कियों और उनके घरवालों ने इसकी पुलिस में शिकायत की, पर पुलिस नस्लभेद का आरोप लगने के भय से ग्रूमिंग गैंग्स के अपराधों को नजरअंदाज कर इन पर करने से बचती रही ।यहाँ तक कि नवंबर 2017 में कोर्ट ने भी इन मामलों की सुनवाई की रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी। हालाँकि बाद में मीडिया के दखल देने पर इस रोक को हटा दिया गया।
इंग्लैंड के गृह मंत्रालय ने चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूज पर 2020 में एक रिपोर्ट जारी कर बताया कि ग्रूमिंग गैंग के अपराधियों में एशियन मूल के और ब्लैक अपराधियों को बढ़ा-चढ़ाकर दिखाया जाता है, पर ऐसा संभव नहीं है कि इन गैंग्स में सिर्फ किसी समुदाय विशेष के ही लोग हों। रिपोर्ट के अनुसार हालाँकि ब्रिटेन में हुए कई हाई प्रोफाइल केस में ग्रूमिंग गैंग के सदस्य ज्यादातर पाकिस्तान मूल के थे, फिर भी किसी खास नस्ल और इस तरह के अपराधों में कोई लिंक होना पुख्ता सबूत नहीं माना गया ।
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने इस मामले में आपत्ति जताते हुए कहा कि यह ब्रिटिश पाकिस्तानियों की बेहद भ्रामक तस्वीर पेश करने की कोशिश है, जिसमें कुछ लोगों के आपराधिक बर्ताव को पूरे समुदाय का व्यवहार बताया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह ब्रिटिश पाकिस्तानियों द्वारा ब्रिटिश समाज के लिए की किए जा रहे सांस्कृतिक, आर्थिक और राजनीतिक योगदान को नज़रअंदाज़ कर पाकिस्तान के लोगों की छवि बिगाड़ने का प्रयास है।
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने इन पर कार्रवाई करने के लिए ग्रूमिंग गैंग टास्क फोर्स बनाने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने ट्वीट कर इन गैंग्स पर लगाम के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी देते हुए बताया कि इस स्पेशल टास्क फोर्स में बच्चों के शोषण को समझने के लिए विशेषज्ञ अधिकारी शामिल रहेंगे। यह भी डेटा भी बनाया जाएगा कि आरोपी किस नस्ल के हैं और इन गैंग्स के अपराधियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी।
( राजीव खरे स्टेट ब्यूरो चीफ़ छत्तीसगढ़)
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