प्रभुपाल चौहान वाराणसी
वाराणसी/बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के चलते सरकार पर भले ही कोई फर्क नहीं पड़ा हो लेकिन जनमानस की जिंदग त्रस्त हो गई है। पीने के पानी के साथ साथ मोबाइल को चार्ज करने तक तमाम परेशानियां हैं।
वाराणसी समेत आसपास के जिलों बिजली आपूर्ति लगभग पूरी तरह से ठप है लोगों की दिनचर्या का हाल और भी बेहाल हो चुका है। हालात यह हो चुके हैं कि जनरेटर से पीने का पानी भरा जा रहा है और आज के जमाने में सबसे जरूरी हो चुके मोबाइल को भी चार्ज किया जा रहा है। लोगों की दिनचर्या पटरी से नीचे उतर चुकी है। तो वही छात्र-छात्राएं परीक्षाएं चल रही हैं उनको पठन-पाटन में भी तमाम परेशानियां हो रही है। सबसे बड़ी विकराल समस्या तो पेयजल की है जिसके लिए लोग जूझ रहे हैं। जहां पर व्यवस्थाएं हैं वहां पर तो कामचलाऊ जुगाड़ बना कर लोग किसी तरह से अपनी दिनचर्या गुजार रहे हैं। लेकिन जहां पर व्यवस्थाएं नहीं है वहां के लोगों का जीना और भी दूरभ हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय जनपद वाराणसी समेत आसपास के जिलों का हाल बहुत ही बुरा है। यदि ऐसा ही रहा तो आज की दिनचर्या पूरी तरह से ठप हो जाएगी।
वहीं दूसरी तरफ हड़ताल पर जा चुके कर्मचारी जिद पर अड़े हुए हैं चीन का कहना है कि हड़ताल 72 घंटे के बाद ही वापस होगी। हड़ताल कर रहे विद्युत कर्मचारी जो 16 मार्च रात 10:00 बजे से 72 घंटे की हड़ताल पर हैं उनका कहना है कि ऊर्जा मंत्री से हुई बात हुई थी लेकिन बात नहीं बनी। हड़ताल कर्मचारियों का कहना है कि ऊर्जा मंत्री से हमने कहा था कि आप जब बुलाएंगे हम आ जाएंगे लेकिन हमें वार्ता के लिए अब तक नहीं बुलाया गया। दूसरी तरफ सरकार की तरफ से एस्मा के तहत कर्मचारियों पर एफ आई आर दर्ज कराई जा रही है। 1332 संविदा कर्मियों को निकाल दिया गया है। कर्मचारियों का कहना है ऊर्जा मंत्री जले पर नमक छिड़क ते हुए नए लोगों की भर्ती करने की बात कर रहे हैं, हमने कहीं कोई हिंसा या लाइन बाधित नहीं की है सरकार चाहे तो इस मामले की जांच करा ले। वही अनपरा, ओबरा, परीक्षा, हरदुआगंज में बिजली उत्पादन ठप हो चुका है।
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