मंडला
वन परिक्षेत्र बरेला के पौंडी बीट में सागौन पेड काटने का मामला मैदानी अमले के द्वारा दबाया जा रहा है। विगत दिनो ने वन विभाग द्वारा ट्रेक्टर से काटी गई तीन ट्राली लकडी को सहायक परिक्षेत्र जमठार में रखा गया है लेकिन मौके पर अभी बड़ी संख्या में सागौन के कटे हुए पेड़ नाले नर में दबाए गए है। जिन्हे जानकार भी वन विभाग के मैदानी कर्मचारियों के द्वारा जब्त नहीं किया जा रहा है। पूरी जानकारी डीएफओ से छिपाई जा रही है।
■ लालपुर के ग्रामीण अच्छेलाल मरावी,शिव कुमार काकोड़िया ने आरोप लगाए है कि तीन ट्रैक्टर ही लकडी डिपो लाई गई है। ग्रामीणों का कहना है कि घटना के बाद अधिकारी का दौरा जमठार सहायक वन परिक्षेत्र कार्यालय जमठार और पौंडी बीट में प्रस्तावित रहा है। यहां जमठार डिपो में लकड़ी दिखा कर अधिकारी को भ्रमित कर दिया गया है। अच्छे लाल मरावी ने बताया कि वन परिक्षेत्र बरेला के ग्राम लालपुर और पौंडी को लगभग 550 हैक्टेयर चरागाह, लघुवनोपज एवं जडी बूटी संग्रहण व संरक्षण का सामुदायिक निस्तार हक के लिए दिया गया है।
यह वन अधिकार कानून 2006 की धारा 3, 1, ख, ग और झ के अंतर्गत दिया गया है लेकिन इस वनक्षेत्र में नया जंगल काटकर खेती करना वन अधिकार कानून के विपरीत है। जबकि कानून में प्रावधान है कि 13 दिसम्बर 2005 के पूर्व वनभूमि पर काबिज लोगों को ही व्यक्गित वन अधिकार दावा करने की पात्रता है। लालपुर के ग्रामीणों ने उच्चस्तरीय जांच के लिए
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को कलेक्टर मंडला माध्यम से पत्र भेजे जाने की बात कही है।
पत्र के माध्यम से मामले से अवगत कराते हुए कार्रवाई की मांग की जाएगी। ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की जरूरत है इसके बाद ही सच्चाई सामने आ सकेगी। ग्रामीणों ने जिला प्रशासन से भी अपेक्षा जाहिर की है कि मामले की सूक्ष्मता से जांच कराते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए।
रिपोर्टर :- फिरदौस खान

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