प्रभुपाल चौहान
आजमगढ़ में ” युवा संसद एवं महापंचायत ” कार्यक्रम की शुरूआत महापुरूषों की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित कर किया गया अध्यक्षता मंच के राष्ट्रीय अध्यक्ष शशांक शेखर सिंह”पुष्कर” ने छात्रों,नौजवानों,बेरोजगारों को संबोधित करते हुए कहा कि नौजवानों में जागरूकता लाने,बुनियादी सवालों के समाधान,बेहतर भविष्य एवं अधिकार,सरंक्षण,संवर्धन, भूमिका,भागीदारी को सुनिश्चित कराने तथा उनको शोषण,उत्पीड़न,अन्याय से निजात दिलाने,निःशुल्क व समयबद्ध प्रतियोगी परीक्षाएं एवं गड़बडी, अनियमितता व भ्रष्टाचार के लिए संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही सुनिश्चित कराने,छात्रसंघ चुनाव बहाल कराने,सरकारी संस्थाओं में आउटसोर्सिंग(सेवाप्रदाता) जैसी कुप्रथा को समाप्त कराने,युवा आधारित नीति के तहत राष्ट्रीय युवा आयोग के गठन,कुशल-योग्य बेरोजगारों के लिए राष्ट्रीय रोजगार गारंटी जैसी ठोस कार्ययोजना बनाए जाने तक प्रदेश के सभी जिलों सहित पूरे देश में नौजवानों को न्याय मिलने तक सड़क पर संसद एवं महापंचायत कार्यक्रम क्रमबद्ध तरीके से चलाया जा रहा है
शशांक सिंह शेखर पुष्कर ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि आज हमारे देश के चौथे स्तंभ को डगमगाने का प्रयास किया जा रहा है जबकि कुछ तथाकथित पत्रकार लोगों के चलते सभी लोगों को परेशान किया जा रहा है रानी की सराय मे पत्रकारो के ऊपर पुलिस प्रशासन के द्वारा फर्जी मुकदमा दर्ज किया गया वह बहुत ही निंदनीय है उसके बाद जिस तरीके से पत्रकारों को अपनी बात रखने पर रानी की सराय s.h.o के द्वारा छेड़खानी जैसे जघन्य अपराध में पत्रकारों के ऊपर मुकदमा दर्ज करने पर राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच पत्रकारों के मुकदमे की वापस करने की तारीख जो एक 21 /03/2023 तक का लिया गया है अगर नहीं किया गया तो 22 मार्च मार्च सन 2023 को पत्रकारों का आंदोलन काली पट्टी बांधकर उत्तर प्रदेश के प्रत्येक जिले में किया जाएगा जिसका समर्थन राष्ट्रवादी युवा अधिकार मंच खुले तौर पर कर रहा है क्योंकि पत्रकार कभी भीड़ का हिस्सा नहीं होता और पत्रकार अगर अपनी बात को मजबूती से नहीं रख पाएगा तो कलम तो सत्ता और शासन के दबाव में चलेगी पत्रकार देश का आईना होता है अगर उस आईने को धूमिल करने या तोड़ने की कोशिश करना यह अपने आप में बहुत बड़ा अपराध है वही जा उत्तर प्रदेश की योगी सरकार आए दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस एवं ट्विटर के जरिए यह कह रही है कि पत्रकारों को दबाने और उनके साथ उत्पीड़न करने पर किसी को नहीं बख्शा जाएगा लेकिन उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के इस खोखले दावे पर उत्तर प्रदेश प्रशासन पूरी तरह से पानी फेरते हुए पत्रकारों के साथ दिल और दिमाग लगाकर उत्पीड़न करने का प्रयास कर रही है अगर एक 21 मार्च के पहले पत्रकारों पर लगे फर्जी तरीके से मुकदमों को वापस नहीं किया गया तो 22 मार्च को आजमगढ़ ही नहीं बल्कि प्रदेश के सभी जगहों पर पत्रकारों का विशाल आंदोलन होगा जिसकी जिम्मेदारी शासन और प्रशासन की होगी।
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