डिंडोरी मध्य प्रदेश
मामला शहपुरा जनपद क्षेत्र के ग्राम पंचायत बरौदी का
डिंडोरी जिले की ग्राम पंचायतों कि विकास योजनाओं मे लाखों के भ्रष्टाचार में बरती गई गोलमाल की जांच को लेकर अब प्रशासन की कार्यवाही भी महज लीपापोती व कागजी नजर आ रही है।ग्राम पंचायतों में बरती गई अनियमितताओं व वित्तीय भ्रष्टाचार पर जिला पंचायत द्वारा जांच आदेश के बाद भी कार्यवाही ना होना कहीं ना कहीं उच्च अधिकारियों की मिलीभगत की ओर इशारा करता है। मामला है शाहपुरा जनपद पंचायत के ग्राम पंचायत बरौदी का जहां के निवासी चौधर सिंह तेकाम ने सरपंच एवं सचिव द्वारा विगत वर्षों में किए गए लाखों रुपए के भ्रष्टाचार कि जांच के लिए नवंबर 2022 में जिला पंचायत सीईओ डिंडोरी को जांच करने हेतु आवेदन दिया जिस के संदर्भ में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा 5 जनवरी 2023 को जांच आदेश जारी करते हुए सीईओ शहपुरा को पत्र प्रेषित किया। लेकिन तत्कालीन मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत शहपुरा द्वारा इस पर को कोई कार्यवाही ना करते हुए मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया। वही जब सीईओ राजीव तिवारी से शिकायतकर्ता मिलने गया तो साहब द्वारा उसे शांति का उपदेश देते हुए वहां से जाने को कह दिया गया।
जिसके बाद शिकायतकर्ता एवं इस भ्रष्टाचार को जानने वाले अन्य ग्रामीण सोच में थे कि कैसे कोई अधिकारी अपने उच्च अधिकारी के आदेश की धज्जियां उड़ा सकता है क्या जिला पंचायत मुख्य कार्यपालन अधिकारी के आदेश की शहपुरा जनपद के अधिकारियों की नजर में कोई अहमियत नहीं है।
इनका कहना है
मुझे आज जनपद पंचायत शहपुरा के नए सीईओ गणेश पांडे ने जनपद कार्यालय बुलाया था उनके द्वारा तीन दिवस के अंदर आदेश जारी कर जांच करवाने की बात कही गई है।
चौधर सिंह, शिकायतकर्ता
ग्राम पंचायत बरौदी
रिपोर्ट अखिलेश झारिया
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