इंदौर मध्य प्रदेश
इसी कड़ी में जनसुनवाई में वृद्धा सुप्रीत कौर अपनी बहू से परेशान होने, पोतियों द्वारा प्रताड़ना और अपशब्द कहने, बहु द्वारा बिजली का बिल न भरने के कारण बहु से घर खाली करवाने का आवेदन लेकर आई।
प्रकरण तत्काल वन स्टॉप सेंटर की प्रशासक डा. वंचना सिंह परिहार को दिया गया।
आवेदिका की व्यथा सुनने पर प्रकरण परामर्श से सुलझाने की संभावना देख osc पर केस स्थानांतरित कर परामर्श की कार्यवाही की गई।
बहु सारिका हिंदू होकर पंजाबी परिवार में विवाह हुआ। पति ड्राइवर होकर अत्यधिक शहर का सेवन करने से आए दिन पति सारिका से मारपीट करता था।
ज्यादा समस्या होने से घर छोड़कर चला गया।
सारिका स्वयं जॉब कर दोनो बच्चियों का पढ़ाई और घर का सारा खर्च सम्हाल रही थी।
अगर घर से बेघर कर दिया तो रहने की समस्या साथ ही सुबह 9 से रात 8 काम पर जाने से बच्चियों की सुरक्षा की समस्या थी।
जेठ ऊपर तेल पर रहता था, जिसकी बीबी झगड़े के कारण वर्षों पहले पति से अलग हो गई थी।
सास और बहु सारिका का विवाद इतना बढ़ा की रिश्तों में कड़वाहट बढ़ती जा रही थी और आपसी व्यवहार निचले स्तर पर पहुंच गया ।
दादी द्वारा पोतियों को कोसना, पोतियों द्वारा दादी से गली गलौज करना। बिल न भरने की स्थिति में बहु वाले हिस्से की बिजली कट जाने से बच्चियों का अंधेरे में जीवन यापन करना इत्यादि।
परामर्श के 3 सत्र होकर अंततः आपसी सहमति से सभी समस्याओं का समाधान निकला और परिवार का यथा स्थिति साथ रहना तय हुआ।
सफलता की कहानी -2
“जनसुनवाई में आए प्रकरणों में मारपीट रोकने और आपसी कड़वाहट को कम कर परिवारों में समाजस्य स्थापित कर रहा वन स्टॉप सेंटर “
जनसुनवाई से वन स्टॉप सेंटर पर आए एक प्रकरण में प्रेम कुमारी की शिकायत थी की सास जेठ जेठानी ने मारपीट की, और वो अक्सर गाली गलौज और मारपीट , विवाद करते रहते हैं।
हमे न्याय दिलाया जाए।
प्रेम कुमारी के सम्पूर्ण कुटुंब को बुलाया गया, सास, जेठ, जेठानी , पति छोटा जेठ ।
पति प्रेमा के समर्थन में था और उसकी भी शिकायत थी की परिवार झगड़ा करता है।
प्रशासक डा. वंचना सिंह परिहार ने मामला विस्तार से समझ परामर्शदात्री सुश्री अलका फणसे को परामर्श के निर्देश दिए।
सभी का पक्ष सुनने का बात ज्ञात हुआ की प्रेम कुमारी का पति भी इस विवाद का दोषी है, और पत्नी के जरिए परिवार पर दबाव बनाना चाह रहा है।
प्रेमकुमारी की जेठानी से प्रेम कुमारी और पति सुरेश ने कुछ पैसा लिया था जो जेठानी ने अपनी रकम बेचकर दिया था, जो सुरेश लौटा नही रहा था।
सुरेश की मां पिता ने ही पैसा बचा के सुरेश को जमीन भी दिलवाई जिसपर सुरेश ने मकान बनवा लिया। मां बाप बड़े बेटे के साथ रह रहे थे, वहां टॉयलेट ठीक से नही बना होने से प्रेमकुमारी के घर का टॉयलेट यूज कर रहे थे,जिससे रोज विवाद की स्थिति बन रही थी।
दोनों पक्षों को जान समझकर , सभी मुद्दों पर विस्तार से विमर्श हुआ और सभी मुद्दों पर समाधान निकाला गया।
साथ ही सभी सदस्यों को किसी भी तरह की मारपीट या हिंसा न करने और करने पर सख्त कार्यवाही की ताकीद दी गई।
अंततः मुद्दे का समाधान होकर सभी सस्नेह , वन स्टॉप सेंटर परिवार को धन्यवाद देकर साथ लौट गए।
जिला कार्यक्रम अधिकारी:
रामनिवास बुधौलिया रिपोर्ट अनिल भंडारी
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